ज्ञान की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से कक्षा में आना जरूरी : प्राचार्य

ज्ञान की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से कक्षा में आना जरूरी : प्राचार्य

By Prabhat Khabar News Desk | September 5, 2024 9:23 PM
an image

प्रतिनिधि मधेपुरा.

पूर्व राष्ट्रपति डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक आदर्श शिक्षक थे. उन्होंने एक शिक्षक के रूप में पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन किया. यही कारण है कि हम उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. उक्त बातें ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के प्राचार्य प्रो कैलाश प्रसाद यादव ने कही. वे शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में उद्घाटनकर्ता के रूप में बोल रहे थे. विशिष्ट अतिथि दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ सुधांशु शेखर ने कहा कि भारतीय परंपरा में शिक्षक को आचार्य कहते हैं और आचार्य का अर्थ है, आचरण के द्वारा शिक्षा देने वाला. शिक्षकों को हमेशा ऐसा आचरण करना चाहिये जो अन्य लोगों के लिए अनुकरणीय हो. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनसीसी पदाधिकारी ले गुड्डु कुमार ने कहा कि उनके ऊपर समाज व राष्ट्र के निर्माण की महती जिम्मेदारी है. इसलिए शिक्षकों को जीवनभर ज्ञानार्जन के प्रति समर्पित रहना चाहिये. मौके पर दर्शनशास्त्र विभाग के शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, एसयूओ आदित्य रमन, यूओ अंकीत कुमार, यूओ अनंत कुमार, एसजीटी सत्यम कुमार, एसजीटी वाणी कुमारी, आलोक कुमार, शुक्रिया कुमारी, नैना कुमारी, मुनचुन कुमारी, अमृत राज, हिमांशु कुमार, शालू कुमारी, वैज्ञानी कुमारी, ऋतु कुमारी, दिव्यज्योति कुमारी, अनिशा गुप्ता, साक्षी प्रिया, सरोज कुमार, त्रिलोक कुमार आदि उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version