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मात्र पांच हजार मानदेय पर रात्रि प्रहरी के परिवार का भरण-पोषण नहीं है संभव- जिलाध्यक्ष

मात्र पांच हजार मानदेय पर रात्रि प्रहरी के परिवार का भरण-पोषण नहीं है संभव- जिलाध्यक्ष

प्रतिनिधि, मधेपुरा बिहार विद्यालय रात्रि प्रहरी संघ के जिला इकाई ने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को कला भवन परिसर में धरना दिया. मांगों में सीएफएमएस व पे-आईडी के माध्यम से मानदेय का ऑनलाइन भुगतान, बिहार सरकार की ओर से पारित न्यूनतम मजदूरी देने व रात्रि प्रहरियों की सेवा 60 वर्ष आयु करने की मांग शामिल है. रात्रि प्रहरी संघ के जिलाध्यक्ष अर्जुन कुमार ने कहा कि वे लोग वर्षों से विभिन्न स्कूलों में सेवा दे रहे हैं, लेकिन सरकार उन लोगों को उचित मानदेय नहीं दे रही है. इसके कारण सभी रात्रि प्रहरी अभाव भरी जिंदगी जीने को विवश हैं. उन्होंने कहा कि मात्र पांच हजार मानदेय पर परिवार का भरण-पोषण संभव नहीं है. वह भी छह महीना में एक बार मिलता है. वे लोग परिवार को छोड़कर 16 घंटे स्कूल में ड्यूटी करते हैं. इसके बावजूद उन लोगों को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि रात्रि प्रहरी के कारण ही पूरे विद्यालय की संपत्ति व संसाधन की सुरक्षा होती है. रात्रि प्रहरी अशोक कुमार व कैलाश कुमार ने कहा कि मानदेय का भुगतान सीएफएमएस के माध्यम से किया जाय. सभी प्रहरियों को स्कूल की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाया जाय. कहा कि जिले के विभिन्न स्कूलों में लगभग 120 रात्रि सुरक्षा प्रहरी कार्यरत हैं. सरकार उन लोगों की मांगों को पूरा नहीं करती है, तो वे लोग चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. मौके पर राजदेव कुमार, आनंद कुमार, श्यामानंद, संजीव कुमार, हरेराम कुमार, गणेश यादव, नागेश्वर प्रसाद यादव, धर्मेंद्र कुमार, ललन कुमार, विनोद शर्मा, सुबोध कुमार, इंदल मंडल, प्रकाश मंडल, मिथिलेश यादव आदि मौजूद थे. बिहार विद्यालय रात्रि प्रहरी संघ के जिला इकाई ने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को कला भवन परिसर में धरना दिया. मांगों में सीएफएमएस व पे-आईडी के माध्यम से मानदेय का ऑनलाइन भुगतान, बिहार सरकार की ओर से पारित न्यूनतम मजदूरी देने व रात्रि प्रहरियों की सेवा 60 वर्ष आयु करने की मांग शामिल है. रात्रि प्रहरी संघ के जिलाध्यक्ष अर्जुन कुमार ने कहा कि वे लोग वर्षों से विभिन्न स्कूलों में सेवा दे रहे हैं, लेकिन सरकार उन लोगों को उचित मानदेय नहीं दे रही है. इसके कारण सभी रात्रि प्रहरी अभाव भरी जिंदगी जीने को विवश हैं. उन्होंने कहा कि मात्र पांच हजार मानदेय पर परिवार का भरण-पोषण संभव नहीं है. वह भी छह महीना में एक बार मिलता है. वे लोग परिवार को छोड़कर 16 घंटे स्कूल में ड्यूटी करते हैं. इसके बावजूद उन लोगों को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि रात्रि प्रहरी के कारण ही पूरे विद्यालय की संपत्ति व संसाधन की सुरक्षा होती है. रात्रि प्रहरी अशोक कुमार व कैलाश कुमार ने कहा कि मानदेय का भुगतान सीएफएमएस के माध्यम से किया जाय. सभी प्रहरियों को स्कूल की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाया जाय. कहा कि जिले के विभिन्न स्कूलों में लगभग 120 रात्रि सुरक्षा प्रहरी कार्यरत हैं. सरकार उन लोगों की मांगों को पूरा नहीं करती है, तो वे लोग चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. मौके पर राजदेव कुमार, आनंद कुमार, श्यामानंद, संजीव कुमार, हरेराम कुमार, गणेश यादव, नागेश्वर प्रसाद यादव, धर्मेंद्र कुमार, ललन कुमार, विनोद शर्मा, सुबोध कुमार, इंदल मंडल, प्रकाश मंडल, मिथिलेश यादव आदि मौजूद थे.

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