प्रतिनिधि, मधेपुरा ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने बताया कि हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका का व्रत मनाया जाता है. जीवित्पुत्रिका व्रत को भक्ति और उपासना के सबसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है. बिहार में इस पर्व को जितिया के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत रखती हैं. माताएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं. मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार नहाय खाय 23 सितंबर, ओठगन 23 सितंबर को रात्रि अंत यानि 4.30 बजे सुबह तक, निर्जला व्रत 24 सितंबर, जबकि पारण 25 सितंबर को शाम पांच बजकर पांच मिनट के बाद होगा.
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