सिंहेश्वर को वैश्विक पटल पर लाने को लिए निकली गयी कलश यात्रा
सिंहेश्वर को वैश्विक पटल पर लाने को लिए निकली गयी कलश यात्रा
सिंहेश्वर.
सिंहेश्वर को धार्मिक पर्यटन के रूप में पहचान और वैश्विक पटल पर लाने के लिए शनिवार को कलश यात्रा निकाली गयी कलश यात्रा पटोरी, इटहरी, शकरपुरा, महेशूवा, रामपट्टी, लालपुर, सतोखर सहित कई गावों से निकलकर पूरे बाजार का भ्रमण करते हुए मवेशी हाट में समाप्त हो गया. कलश यात्रा के बाद श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन के कार्यकर्ता द्वारा कलश यात्रा में शामिल हुई. 21 हजार से अधिक महिलाओं व कन्याओं ने कलश यात्रा में हिस्सा लिया.
कलश यात्रा के बाद महाप्रसाद का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की सफलता को लेकर आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल और प्रचारक इंद्रेश कुमार ने लोगों को सनातन धर्म के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा धर्म सनातन धर्म है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि देश की राजनीति सही दिशा में है और रहेगी. लेकिन बीच- बीच में दलों में भ्रम पैदा होते रहते हैं. डेमोक्रेसी में देश को जाति, धर्म व मजहब के विवाद से होकर निकलना पड़ता है. इसलिए जरूरत है जाति- धर्म के नाम पर वोटिंग न हो. ताकि देश को तोड़ने वाली ताकतें बढ़ न सकें. यह काम केवल एक पार्टी व सरकार का काम नहीं है. यह देश के प्रत्येक व्यक्ति व सभी दलों का काम है. उन्होंने हिंदू समाज को आगाह किया की आप संगठित रहेंगे तभी मजबूत बनेंगे. इसके लिए जात पात की दीवार को तोड़ना होगा और देश को आगे बढ़ाना होगा.
वहीं कार्यक्रम का उद्घाटन आरएसएस के इंद्रेश कुमार, विधायक चंद्रहास चौपाल, व्यापार मंडल के अध्यक्ष शिवचंद्र चौधरी आदि ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में थानाध्यक्ष बिरेंद्र राम, ग्रीन फील्ड स्कूल के निदेशक कुंदन कुमार, दीपक भगत, डॉक्टर ईश्वर भगत, विष्णु शर्मा, मुकुल वर्मा, श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन के निखिल कुमार, मनीष आनंद, सुदेश शर्मा आदि महत्वपूर्ण भूमिका रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है