निरंजन कुमार, मधेपुरा: जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले के गुंड इलाके में आतंकवादियों ने आधा दर्जन गैर-स्थानीय मजदूरों को रविवार को मौत के घाट उतार दिया. ये मजदूर केंद्र सरकार की एक सुरंग निर्माण परियोजना में काम कर रहे थे. मृतकों में तीन मजदूर बिहार के रहने वाले हैं जिनमें दो श्रमिक मधेपुरा जिले के निवासी थे. दोनों के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. दोनों घरों की कहानी एक ही जैसी ही. पूरे परिवार का भरण-पोषण उन्हीं के कंधों पर था जिन्हें आतंकियों ने मौत की नींद सुला दिया. अब इन दोनों के घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा. हंसता-खेलता परिवार एक ही झटके में उजड़ गया है.
कश्मीर में बिहार के तीन मजदूर समेत 6 की हत्या
कश्मीर के गांदरबल जिले में आतंकी हमले में मारे गए 6 मजदूरों में दो बिहार के मधेपुरा जिले के हैं. मृतकों में सदर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर चौरा अंतर्गत वार्ड 16 के रहने वाले मोहम्मद कलीम और शंकरपुर थाना क्षेत्र के मोहम्मद हनीफ है जो रोजी-रोटी के लिए कश्मीर में रहकर मजदूरी करते थे. आतंकियों ने रविवार को दोनों की हत्या गोली मारकर कर दी. मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.
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परिवार के मुखिया की हत्या, घर में नहीं बचा कोई कमाने वाला
मधेपुरा जिले के शंकरपुर थाना क्षेत्र के रामपुर लाही पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 5 के लाही गांव में मोहम्मद निजामुद्दीन के घर में मातम पसरा हुआ है. मो. निजामुद्दीन के 45 वर्षीय पुत्र मोहम्मद हनीफ की हत्या कश्मीर में आतंकियों ने कर दी. हनीफ अपने पीछे पत्नी व दो बेटियों को छोड़ गए. मिली जानकारी के अनुसार, हनीफ की एक बेटी शादीशुदा है जबकि दूसरी बेटी की शादी अभी हनीफ को करनी थी. वह पैसे कमाने के लिए विगत 1 साल से बाहर रह रहे थे. पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार में कमाने वाला एक ही व्यक्ति था जिसकी हत्या हो गयी. अब परिवार पर रोजी-रोटी का संकट है.
कलीम की हत्या ने परिवार को तोड़ा
दूसरा पीड़ित परिवार मधेपुरा जिले के ही सदर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर चौरा के वार्ड नंबर 16 निवासी मो. कलीम का है. मोहम्मद नजनुल के पुत्र मोहम्मद कलीम रोजी-रोटी के लिए कश्मीर में मजदूरी कर रहे थे. आतंकियों ने कलीम की हत्या भी गोली मारकर कर दी. कलीम को एक पुत्र व एक पुत्री है. पत्नी शबनम का रो-रोकर बुरा हाल है. कलीम अपने घर में एकमात्र कमाऊ सदस्य था. अब घर का बोझ किस तरह चलेगा, इसे लेकर परिवार के सदस्य चिंतित हैं. असमय हुई मृत्यु ने सबको झकझोर कर रख दिया है.
सुरंग बनाने के काम में लगे थे मजदूर
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के द्वारा एक सुरंग बनाने का काम गांदरबल जिले में चल रहा है. इस सुरंग को बनाने में बिहार के भी कई मजदूर लगे हैं. ये मजदूर रात में खाना खाने के लिए कैंटीन जा रहे थे. इसी दौरान आतंकियों ने इन्हें निशाना बना लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस हमले में कुल 6 श्रमिकों और एक डॉक्टर की मौत हुई है. जिनमें तीन मजदूर बिहार के रहने वाले हैं.