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प्रखंड स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ आयोजन

प्रखंड स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ आयोजन

मुरलीगंज. प्रखंड स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन शनिवार को ई-किसान भवन मुरलीगंज में हुआ, जिसका उद्घाटन नोडल पदाधिकारी उप निदेशक उद्यान रंजीत प्रताप पंडित, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी मधेपुरा संजीव कुमार तांती, कृषि विज्ञान केंद्र मधेपुरा के कृषि वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार, मृत्युंजय कुमार तथा प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार चौधरी, प्रगतिशील किसान ने किया. प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कृषि विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी व नोडल पदाधिकारी तथा कृषि वैज्ञानिक के द्वारा मोटा अनाज उत्पादन, जैविक खेती, कृषि यंत्रीकरण के बारे में बताया. प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण सफल बनाने के लिए कर्मशाला में किसानों के लिए विभाग की ओर से चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की पूरी जानकारी दी. इसके साथ ही खरीफ मौसम में विभिन्न फसल अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य व बीज अनुदान के बारे में जानकारी दी. पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपनी और बदलते मौसम में धान की सीधी बुआई के तरीके और इसके फायदे की जानकारी दी. बिचड़ा बोने और रोपनी करने से पहले खर- पतवार के नियंत्रण और खेत की तैयारी की बारीकियां बतायी गयी. कृषि वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए वैज्ञानिक विधि से खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा के तरीकों को समझाया. उन्होंने कहा कि प्रखंड में खरीफ की मुख्य फसल धान है. उन्होंने धान की नर्सरी से लेकर रोपाई, कीटनाशकों का उपयोग कर कीट व्याधियों से बचाव, अन्य प्रबंधन सहित कटाई तक से जुड़ी बातों को विस्तार से बताते हुए कहा कि समय के अनुसार नियमित देखभाल से फसल का उत्पादन बढ़ता है और खुशहाली घर आती है. उन्होंने इलाके में धान के अलावा अन्य फसलों- मकई, गेहूं, पाट व सब्जी और फल आदि की खेती में लगने वाले रोग और उसका उपचार के बारे भी बताया. सभी योजनाओं को क्लस्टर में लगाने के लिए निदेशित किया गया. मौके पर कृषि समन्वयक, एटीएम, बीटीएम, किसान सलाहकार सहित प्रगतिशील किसान किन्नू यादव, कृष्णा सिंह, सुशांत कुमार, ब्रह्मदेव मंडल, भूषण कुमार, शिवकुमार यादव, श्याम सुंदर यादव, अशोक यादव आदि मौजूद थे. प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कृषि विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी व नोडल पदाधिकारी तथा कृषि वैज्ञानिक के द्वारा मोटा अनाज उत्पादन, जैविक खेती, कृषि यंत्रीकरण के बारे में बताया. प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण सफल बनाने के लिए कर्मशाला में किसानों के लिए विभाग की ओर से चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की पूरी जानकारी दी. इसके साथ ही खरीफ मौसम में विभिन्न फसल अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य व बीज अनुदान के बारे में जानकारी दी. पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपनी और बदलते मौसम में धान की सीधी बुआई के तरीके और इसके फायदे की जानकारी दी. बिचड़ा बोने और रोपनी करने से पहले खर- पतवार के नियंत्रण और खेत की तैयारी की बारीकियां बतायी गयी. कृषि वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए वैज्ञानिक विधि से खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा के तरीकों को समझाया. उन्होंने कहा कि प्रखंड में खरीफ की मुख्य फसल धान है. उन्होंने धान की नर्सरी से लेकर रोपाई, कीटनाशकों का उपयोग कर कीट व्याधियों से बचाव, अन्य प्रबंधन सहित कटाई तक से जुड़ी बातों को विस्तार से बताते हुए कहा कि समय के अनुसार नियमित देखभाल से फसल का उत्पादन बढ़ता है और खुशहाली घर आती है. उन्होंने इलाके में धान के अलावा अन्य फसलों- मकई, गेहूं, पाट व सब्जी और फल आदि की खेती में लगने वाले रोग और उसका उपचार के बारे भी बताया. सभी योजनाओं को क्लस्टर में लगाने के लिए निदेशित किया गया. मौके पर कृषि समन्वयक, एटीएम, बीटीएम, किसान सलाहकार सहित प्रगतिशील किसान किन्नू यादव, कृष्णा सिंह, सुशांत कुमार, ब्रह्मदेव मंडल, भूषण कुमार, शिवकुमार यादव, श्याम सुंदर यादव, अशोक यादव आदि मौजूद थे.

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