Kirti Narayan Mandal: शिक्षा के संत की विरासत पर मधेपुरा में चर्चा, जानें कैसे बदली कोसी की तस्वीर!
Kirti Narayan Mandal: ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में कीर्ति नारायण मंडल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें शिक्षा-जागरण का प्रतीक बताते हुए उनके जीवन और आदर्शों को युवाओं तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया गया.
Kirti Narayan Mandal: यह संसार मरणधर्मा है. इस संसार में जो प्राणी जन्म लेता है, उसे मरना पड़ता है. फिर धीरे-धीरे लोग उसे भूलने लगते हैं, लेकिन मरने से पूर्व व्यक्ति द्वारा किये गये कर्म उसे चिरकाल तक जीवित रखता है. उक्त बातें हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो विनय कुमार चौधरी ने कही. वे बुधवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा में आयोजित कीर्ति नारायण मंडल जन्मोत्सव में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन कीर्ति नारायण मंडल की जयंती पर किया गया. पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कीर्ति नारायण मंडल कोई अवतार नहीं थे और न ही वे जन्मना महान थे. उन्होंने अपने कार्यों से महानता अर्जित की. कीर्ति बाबू महात्मा बुद्ध के जैसे गृहत्यागी व महात्मा गांधी जैसे सत्याग्रही थे.
Kirti Narayan Mandal: कीर्ति बाबू का संपूर्ण जीवन शिक्षा-जागरण के लिए समर्पित
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कीर्ति बाबू ने अपनी पूरी संपत्ति का कण-कण समाज को दान कर दिया. उन्होंने अपने लिए कुछ भी बचाकर नहीं रखा. कीर्ति बाबू ने अपना संपूर्ण जीवन शिक्षा-जागरण के लिए समर्पित कर दिया. वे जहां-जहां रहे वहां-वहां कोई-न-कोई शिक्षण संस्थान अस्तित्व में आया. कीर्ति बाबू दधीचि थे. उन्होंने कोसी में शिक्षा के प्रसार के लिए अपना सर्वस्व दान कर दिया. उनको ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय व पार्वती विज्ञान महाविद्यालय समेत दर्जनों शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण का श्रेय जाता है. उनके बनाये शिक्षण संस्थानों से आज हजारों छात्र पढ़-लिखकर अच्छे-अच्छे पदों पर देश की तरक्की में लगे हुए हैं.
Kirti Narayan Mandal: कीर्ति बाबू को है आधुनिक कोसी के निर्माण का श्रेय
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य प्रो कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि कीर्ति बाबू बिल्कुल साधारण दिखते थे, लेकिन उनके अंदर असाधारण शक्ति थी. उन्होंने कोसी व मधेपुरा के विकास के लिए जो कार्य किया, वह अविस्मरणीय है. उन्होंने कहा कि कीर्ति नारायण मंडल हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते रहे. पारिवारिक व सामाजिक झंझावातों के बावजूद वे कर्म-पथ पर अडिग रहे. उनको आधुनिक कोसी के निर्माण व विकास का श्रेय जाता है.
Kirti Narayan Mandal: हमेशा बनी रहेगी कीर्ति बाबू की ख्याति
हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ कुमार सौरभ ने कहा कि कीर्ति बाबू ने जिन उद्देश्यों को लेकर महाविद्यालय की स्थापना की, हमें उन उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास करना चाहिये. दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ सुधांशु शेखर ने कहा कि कीर्ति बाबू की यश, कीर्ति व ख्याति हमेशा-हमेशा के लिए बनी रहेगी. हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनायें और उनके सपनों को साकार करने में अपना योगदान दें. युवा पीढ़ी को कीर्ति बाबू के विचारों व कार्यों से अवगत कराने की जरूरत है.
Kirti Narayan Mandal: कीर्ति बाबू के जीवन व दर्शन को युवाओं के बीच पहुंचाने की जरूरत
गणित विभागाध्यक्ष ले गुड्डु कुमार ने कहा कि कीर्ति बाबू के जीवन व दर्शन को युवाओं के बीच पहुंचाने की जरूरत है. मौके पर डाॅ संजय कुमार, डाॅ प्रीति कुमारी, मुनचुन कुमारी, रितु कुमारी, शालू कुमारी, काजल कुमारी, नेहा कुमारी, प्रिया कुमारी, बानी कुमारी, खुशी कुमारी, नैना कुमारी, गुड़िया कुमारी, प्रिया, विश्वास कुमार, दिलखुश कुमार, सत्यम कुमार, गौरव कुमार, आयुष राज, सुशांत कुमार, प्रत्यास्थ कुमार, शिव कुमार, हिमांशु कुमार, आदित्य कुमार, अंकुश कुमार, गौरव कुमार, अंकेश कुमार, राजा कुमार, दिलखुश कुमार, राजनंदन कुमार, पंचानंद कुमार, हर्ष कुमार, राजकुमार, सत्यम कुमार, प्रजानंद कुमार, बबली कुमार, त्रिलोक कुमार, त्रिलोक रहमान, अभिषेक कुमार, सुनंदा कुमारी, मनोरंजन कुमार, गौरव कुमार, प्रिंस कुमार, दिलखुश कुमार, गौरव कुमार, दिलखुश कुमार, अंकु कुमार, शिवराज कुमार, रुपेश कुमार, विकास कुमार, राजेश कुमार, रविशंकर कुमार, सुशांत कुमार, सुधीर कुमार, कृष्णा राज, अबू आजम, अरविंद कुमार आदि उपस्थित थे.