सरकार की तानाशाही की चरम सीमा को प्रदर्शित कर रहा है लाठीचार्ज : जिलाध्यक्ष
सरकार की तानाशाही की चरम सीमा को प्रदर्शित कर रहा है लाठीचार्ज : जिलाध्यक्ष
प्रतिनिधि,
मधेपुरा
बीपीएससी परीक्षा में धांधली के खिलाफ धरना पर बैठे छात्रों पर लाठीचार्ज के खिलाफ एनएसयूआइ ने गुरुवार को आक्रोश मार्च निकाला, जिसका नेतृत्व जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने किया. इस दौरान मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व बीपीएससी के चेयरमैन का पुतला दहन किया.जिलाध्यक्ष ने कहा कि शांतिपूर्ण धरना पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज सरकार के तानाशाही के प्रदर्शित करता है. बीपीएससी परीक्षा में धांधली के खिलाफ परीक्षा को रद्द करने व पुनः साफ-सुथरे तरीके से परीक्षा करवाने के मांग को लेकर अभ्यर्थी एक सप्ताह से अधिक समय से शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे. जहां सरकार को छात्रों के समस्याओं को सुनना चाहिये, उनके पीड़ाओं को सुनना चाहिये, वहां सरकार पुलिसिया लाठी के दम पर खदेड़ दी. उन्होंने कहा कि सरकार की तानाशाही को बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बिहार की डबल इंजन की सरकार छात्र विरोधी, शिक्षा विरोधी व रोजगार विरोधी है. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. बिहार में परीक्षा में धांधली सामान्य सी बात हो गयी है. राज्य में छात्रों व युवाओं पर दमनकारी नीति अपनाकर उनके आवाज को कुचलने में सरकार को कोई संकोच नहीं रहा है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह लड़ाई केवल बीपीएससी अभ्यर्थियों की नहीं है, यह राज्य के सभी छात्र व युवाओं की लड़ाई बन गयी है. एनएसयूआइ इसे मजबूती से लड़ेगी.
जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमलोग छात्रों के साथ बैठक कर आक्रोश मार्च निकालेंगे. मौके पर जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, जिला सचिव सोनू कुमार, प्रखंड संयोजक रणधीर कुमार, टीपी कॉलेज अध्यक्ष विभाष कुमार विमल, सचिव संतन कुमार, कुंदन आजाद, नीतीश कुमार यादव, संजीत कुमार, अंशु पासवान, उमेश कुमार, मनीष कुमार, लाल बहादुर, सोनू कुमार, फूलचंद्र कुमार, रवि राज, अमलेश कुमार, रंजीत कुमार, राजा कुमार, निरंजन कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है