Bihar News: मधेपुरा सदर अस्पताल में कार्यरत एक नर्स ने जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक (डीपीएम) पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव देने का आरोप लगाते डीएम से शिकायत की है. नर्स ने डीएम को दिये आवेदन में जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक प्रिंस कुमार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. विगत चार सालों से प्रताड़ित करने और शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने का आरोप डीपीएम पर लगा है. पीड़िता नर्स ने डीएम को उक्त अधिकारी के तमाम हरकतों का जिक्र किया है जिससे वो प्रताड़ित हो रही हैं. वहीं पांच सदस्यीय आंतरिक जांच कमेटी इन आरोपों की जांच में लग गयी है.
शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने का आरोप
नर्स ने डीपीएम पर आरोप लगाते हुए बताया है कि आरोपित अधिकारी उसके साथ पिछले चार वर्षों से नजदीकियां बढ़ाकर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाल रहा है. कार्यालय में भी पास आकर अश्लील व अनावश्यक बात करने के लिए दबाव डालता है. यही नहीं, जब वह घर चली जाती है, तो देर रात व्हाट्सएप कॉल व मैसेज कर गलत बातें करने को कहता है.
अपने टेबल पर बुलाते हैं… पीड़िता का आरोप
पीड़िता ने बताया कि डीपीएम की हरकतों से उन्हें अपना मोबाइल स्वीच ऑफ करना पड़ता है. नर्स ने साक्ष्य के रूप में देर रात किये गये कॉल डिटेल भी दिया है. शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर वह विभिन्न तरह से प्रताड़ित करता है. नर्स ने कहा है कि किसी रजिस्टर या अन्य कार्य के बहाने वह अपने टेबल पर बुलाता रहता है. इसके बाद लंबे समय तक बेवजह सामने बिठाये रखता है.
पूर्व में सीएस से भी की थी शिकायत
नर्स ने कहा कि बीते नौ सितंबर को अस्पताल में कार्यरत एक जीएनएम दो अन्य साथियों के साथ डीपीएम के आवास पर पहुंची, तो डीपीएम ने गाली-गलौज शुरू कर दी. उस वक्त जीएनएम के फोन से आरोपित अधिकारी का कॉल लगा हुआ था. आरोपित अधिकारी कह रहे थे कि यदि उसके हिसाब से नहीं चलेगी, तो यही हाल होगा. नर्स ने आरोपित डीपीएम के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगायी है.
डीएम ने जांच के आदेश दिए
डीएम तरनजोत सिंह ने सिविल सर्जन को इस मामले की जांच का आदेश दिया है. जांच की जा रही है. अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को है. बता दें कि डीएम को आवेदन देने से पूर्व पीड़िता नर्स ने सीएस व स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों से भी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कमेटी कर रही जांच
वहीं जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक प्रिंस कुमार ने इन आरोपों पर कुछ भी सफाई देने से इंकार किया और कहा कि मामले को लेकर सिविल सर्जन से बात कर लें. इधर, मधेपुरा के सिविल सर्जन डॉ मिथिलेश ठाकुर ने प्रकरण को लेकर बताया कि पांच सदस्यीय आंतरिक जांच कमेटी को जिम्मा दिया गया है. कमेटी जांच कर रही है. अगली सुनवाई 15 अक्तूबर को है. कमेटी जो जांच रिपोर्ट सौंपेगी, उस पर अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.