आलमनगर. राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की जयंती खुरहान गांव स्थित मां डाकिनी मंदिर में मनायी गयी. इस दौरान शौर्य व साहस के प्रतीक महाराणा प्रताप के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर लोगों ने नमन किया. इस अवसर पर खुरहान युवा विकास मंच के तत्वावधान में जयंती मनायी गयी. चंद्रशेखर सिंह आजाद ने बताया कि महाराणा प्रताप ने भामाशाह के अतुलनीय अनुदान की मदद और मात्र 500 कोल भीलों की सेना लेकर हल्दी घाटी के युद्घ में अकबर की 80000 की सेना के दांत खट्टे कर दिए थे. इस युद्ध में अकबर की सेना के 17000 सैनिक भी मारे गए थे. अंततः मेवाड़ हमेशा के लिए अजेय रहा. महाराणा प्रताप ने युद्ध के दौरान सूखी घास की रोटी तक खाई, पर मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की. कई एक बार युद्ध में हराया. आज के युवाओं को ऐसे महानायक के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है. उन्होंने वीरता, शौर्य व साहस की बदौलत दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे. इस दौरान सुमन सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अमर किशोर सिंह, मन्नू सिंह, हर्षवर्धन कुमार, प्रिंस, रिकी, भास्कर, दीपक, बुल्टी, दीपक चौहान, उमेश सिंह, बुद्धन आदि मौजूद थे.
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