Madhepur news : 16 वर्ष बाद भी थाना नहीं बन पाया मठाही पुलिस शिविर
पांच पंचायत में लगभग दो लाख आबादी है मठाही पुलिस शिविर क्षेत्र का
सविता नंदन, मधेपुरा. सहरसा और मधेपुरा जिले की सीमा पर अपराध पर रोक लगाने के उद्देश्य से बनाया गया मठाही पुलिस शिविर को आज तक थाना का दर्जा नहीं मिल पाया है, जबकि यह पुलिस शिविर अपराध नियंत्रण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. ग्रामीणों ने मधेपुरा सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत मठाही पुलिस शिविर को थाना बनाने की जोर-शोर से मांग उठाई है. जानकारी के मुताबिक मठाही पुलिस शिविर की स्थापना 2008 में हुई थी. मठाही पुलिस शिविर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में हो रहे क्राइम को कंट्रोल करने के लिए मठाही शिविर की स्थापना की गई थी. ज्ञात हो कि मठाही पुलिस शिविर अंतर्गत पांच पंचायतों में मठाही, भान टेकठी, भेलवा, खौपेती और बालम गढ़िया पंचायत शामिल है. शिविर के अंतर्गत आने वाले पांच पंचायतों में शामिल पंचायत जो मधेपुरा व घैलाढ़ प्रखंड के अंतर्गत आते हैं.
-मधेपुरा सदर में दर्ज होता है केस
मधेपुरा सदर थाना क्षेत्र व घैलाढ़ ओपी क्षेत्र के आबादी के अनुसार दायरा बढ़ने के कारण और इस क्षेत्र में बढ़ रहे क्राइम को रोकने के कारण मठाही शिविर की स्थापना की गई थी, लेकिन 16 साल बीत जाने के बावजूद व कई गुना आबादी बढ़ जाने के बाद भी इस पुलिस शिविर को थाना का दर्जा नहीं मिल सका है. ग्रामीणों का कहना है कि मठाही शिविर के अंतर्गत होने वाले किसी भी घटना का केस दर्ज करने के लिए मधेपुरा थाना का चक्कर लगाना पड़ता है. इस शिविर से आमलोगों को सिर्फ इतना ही फायदा है कि किसी भी क्षेत्र में हो रहे घटना की जानकारी मिलते ही मठाही शिविर प्रभारी पहुंचकर मामला को ऑन द स्पॉट त्वरित कार्यवाही करते संज्ञान में ले लेते हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बढ़ती आबादी को देखते हुए मधेपुरा सदर थाना से इस क्षेत्र के लोगों को त्वरित न्याय में विलंब हो जाता है. शिविर में स्टेशनरी नहीं रहने के कारण केस दर्ज नहीं हो पाता है. मधेपुरा के मठाही एवं सहरसा के बैजनाथपुर पुलिस शिविर का गठन लगभग एक ही साथ हुआ था. बैजनाथपुर पुलिस शिविर को थाना बना दिया गया, लेकिन मठाही पुलिस शिविर अभी भी उसी स्थिति में है.-2021 में सरकार को जा चुका है प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार मठाही पुलिस शिविर को थाना बनाने के लिए 2021 में प्रस्ताव भी जिला मुख्यालय को भेजा जा चुका है. मिली जानकारी के अनुसार मठाही थाना के लिए जमीन भी अधिग्रहित कर ली गई है. लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. कुछ दिनों पूर्व मठाही पुलिस शिविर को थाना बनाने को लेकर ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने स्थानीय सदर विधायक प्रो चंद्रशेखर को मांग पत्र भी सौंपा था. विधायक ने इसको लेकर सदन में आवाज उठाने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है.
-अपराधी बदल लेते हैं जिला
मठाही पुलिस शिविर क्षेत्र के अंतर्गत पांच पंचायतों की लगभग दो लाख से अधिक आबादी की जिम्मेदारी है. इन पांचों पंचायत से होकर कई ऐसे सड़क निकलते हैं जो बाईपास होते हुए आसपास के जिले को जोड़ती है. जिससे घटना की आशंका बनी रहती है. अपराधी किसी भी घटना को अंजाम देकर शॉर्टकट रास्ते से जिला बदल लेते हैं. जिससे घटना की छानबीन करने में पुलिस को काफी परेशानी होती है. मठाही पुलिस शिविर में एक से दो पदाधिकारी व दो से चार पुलिस के जवान पदस्थापित हैं. मठाही बाजार में व्यापारियों की संख्या भी अधिक हैं व आए दिन लूटपाट की घटना भी होती रहती है. लिहाजा यहां थाना की आवश्यकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है