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चार दिन भी नहीं चले साहब के निर्देश, सजने लगी सदर अस्पताल के पास मांस-मछली की दुकान

जहां सरकार व अधिकारी कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रहे हैं. वही कुछ अधिकारी के लापरवाही के कारण कोरोना वायरस की संक्रमण में बढ़ोतरी हो सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 4, 2020 6:10 AM

मधेपुरा : जहां सरकार व अधिकारी कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रहे हैं. वही कुछ अधिकारी के लापरवाही के कारण कोरोना वायरस की संक्रमण में बढ़ोतरी हो सकती है. महज कुछ दिन पहले सदर अस्पताल के समीप सड़को पर प्रशासन द्वारा अनाधिकृत रूप से बसे मांस-मछली वाले दुकानदारों का अतिक्रमण हटाया गया था. नगर परिषद के अधिकारियों व कर्मियों द्वारा दुकानदारों का सारा सामान उठाकर नगर परिषद ले जाया गया था. साथ ही सभी को ये भी निर्देश दिया गया था कि जिन लोगो का सामान होगा, उनका चालान काटा जायेगा.

इससे पहले भी कई बार नगर परिषद व पुलिस प्रशासन के द्वारा इन सभी दुकानों हटाया गया था. साथ ही सभी दुकानदरों को सख्त चेतावनी दी गई थी कि यहां दुकान न लगायें. इस जगह दुकान लगाने पर दुकानदरों पर कड़ी कारवाई की जायेगी. बावजूद इसके दुकानदारों ने दुकान लगाना नही छोड़ा. जिससे हर दिन स्थानीय लोग सहित अस्पताल में मरीज़ों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दुकानदार अस्पताल के चापाकल पर साफ करते हैं गंदगीमांस बेचने के बाद बांकी बचे कचड़ों को दुकानदार सड़क किनारे ही छोड़ देते हैं या उसे सदर अस्पताल परिसर में फेंक देते हैं. जिससे काफी गंध उत्पन्न होने के साथ कई बीमारियों का भी डर रहता है. कई बार आवारा जानवरों के माध्यम से कचड़ों में पड़े मांस-मछली की अवशेष पर्दाथ लोगों के घर तक पहुंच जाता है.

जिससे सुबह-सुबह कई बार लोगों को बकरे का सींग तो कई घर के सामने मांस के टकड़े का दर्शन होता है. इसी के साथ मांस-मछली बेचने के बाद दुकानदार अस्पताल के चापाकल पर गंदगी साफ करते हैं. जो मरीजों के लिए भी खतरा खड़ा करता है. इसके बावजूद भी मांस-मछली दुकानदारों द्वारा प्रशासन की बात को अनसुना कर बार-बार सदर अस्पताल के समीप मांस-मछली की दुकान खोल लिया जाता है.

जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि सदर अस्पताल के समीप मांस-मछली की दुकानें शोभा नहीं देती है. जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण के इस घड़ी में इसका कोई समाधान नहीं किया तो इसका खामियाजा पूरा जिला को भुगतना पड़ेगा.

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