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नप पर जबरन जमीन के अधिग्रहण का आरोप, पीड़ितों ने डीएम को दिया आवेदन

मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र में कचरा डंपिंग को लेकर हमेशा विवाद रहा है. शहर के कचरा को एक जगह फेंकने को लेकर आज तक नगर परिषद ने कोई भी मुक्कमल व्यवस्था नहीं की है.

मधेपुरा. मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र में कचरा डंपिंग को लेकर हमेशा विवाद रहा है. शहर के कचरा को एक जगह फेंकने को लेकर आज तक नगर परिषद ने कोई भी मुक्कमल व्यवस्था नहीं की है. हमेशा से जगह चयनित करने के नाम पर नदियों को गंदा किया है और यह परेशानी आज की नहीं, बल्कि कई वर्षों से रही है. इस मामले को लेकर कई बार नगर परिषद ने अंचलाधिकारी और अंचलाधिकारी ने नगर परिषद पर अपना ठिकरा फोड़ा है. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. इन दिनों भी नगर परिषद का एक मामला सामने आया है, जिससे आम लोग परेशान हो रहे हैं. मामला सदर प्रखंड क्षेत्र के बुधमा का है. सदर प्रखंड क्षेत्र के मुरहो पंचायत अंतर्गत कठहरवा के कुछ ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर पुस्तैनी जमीन से जबरन बेदखल किये जाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है. मामले में पीड़ितों ने डीएम को आवेदन के साथ साक्ष्य भी उपलब्ध कराया है.

जबरन जेसीबी मशीन से फसल को किया क्षति

डीएम को दिये आवेदन में मुरहो पंचायत निवासी रणधीर कुमार यादव, रूद्रनारायण यादव, बबली कुमारी, रविंद्र कुमार एवं राजेश कुमार ने कहा कि 07 दिसंबर 2024 को नगर परिषद के कुछ अधिकारियों एवं कर्मियों के द्वारा बिना किसी सूचना के भारी पुलिस बल के साथ अचानक उनके जमीन पर धावा बोल दिया गया तथा जबरन जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर से हमारी बुआई की गयी गेहूं के फसल को नष्ट किया जाने लगा. ऐसा होते देख जब हमलोगों ने इसका विरोध किया तो नगर परिषद कर्मियों व पुलिसकर्मियों के द्वारा धक्का-मुक्की एवं गाली-गलौज करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजने की बात की.

बलपूर्वक जमीन को कांटेदार तार से घेरा

पीडितों ने आवेदन में कहा कि नगर परिषद के अधिकारियों एवं कर्मियों के द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण के समय धमकी दी गयी कि जाओ अंचलाधिकारी से बात करो. यह जमीन नगर परिषद को अंचलाधिकारी के द्वारा दी गयी है और इस जमीन पर कचरा डंपिंग यार्ड बनाया जायेगा. इसके बाद 08 दिसंबर 2024 को भी नगर परिषद के अधिकारियों एवं कर्मियों के द्वारा बलपूर्वक हमलोगों की जमीन को कांटेदार तार से बैरिकेडिंग कर दी गयी.

पीड़ितों द्वारा आवेदन की प्रति मुख्यमंत्री, राज्य एवं भूमि सुधार मंत्री, पुलिस अधीक्षक मधेपुरा, अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, मधेपुरा एवं अपर मुख्य सचिव, भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग को भी भेजी है.

ग्रामीण क्षेत्र की जमीन का अधिकार अंचलाधिकारी को है. जमीन मुखिया के द्वारा आमसभा कर एवं अंचलाधिकारी के द्वारा नगर परिषद को दी गयी है. इसलिये इसमें जबरन अधिग्रहण का कोई मामला नहीं बनता है.

तान्या कुमारी, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, मधेपुराB

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