प्यासों को शुद्ध व शीतल पेयजल भी नहीं पिला सका नगर परिषद
प्यासों को शुद्ध व शीतल पेयजल भी नहीं पिला सका नगर परिषद
मधेपुरा. आखिर गर्मी में नगर परिषद राहगीरों को शुद्ध व शीतल पेयजल भी नहीं ही पिला सका, जबकि इसके लिए नगर परिषद को अलग से किसी योजना को न तो पारित करने की जरूरत थी और न ही पैसे की व्यवस्था ही करनी थी. दरअसल बिहार सरकार के नगर विकास विभाग ने सभी नगर निकायों के लिए योजना बनाकर बजाप्ते टेंडर निकाला था. टेंडर के बाद नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी ने शहर में घूम-घूमकर वाटर पोस्ट के लिए जगहों का चयन किया. जिला मुख्यालय में 16 जगहों को चिह्नित किये जाने के बाद वहां स्टील फ्रेम व टिन के चदरे से वाटर पोस्ट बनाया भी गया. दो से तीन जगहों पर पानी की टंकी चढ़ाई भी गयी, लेकिन उसमें पानी नहीं डाला जा सका या पानी डालने की व्यवस्था नहीं की जा सकी. बोरिंग कर पानी निकाल करना है प्यूरीफाई- प्याऊ योजना के तहत लोगों को शुद्ध व शीतल पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है. इसके लिए सभी वाटर पोस्ट के पास बोरिंग कर जमीन से पानी निकालना है. पानी टंकी में जमा होगा, फिर वाटर प्यूरीफायर व कूलिंग मशीन से गुजरते हुए वह टेप (नल) तक पहुंचेगा और जरूरतमंद शुद्ध व शीतल पेयजल का आनंद ले सकेंगे, लेकिन नगर परिषद की लापरवाही के कारण किसी भी वाटर पोस्ट पर न तो टंकी चढ़ाई गयी है और न ही किसी पोस्ट के करीब अब तक बोरिंग ही की गयी है और न ही बिजली या टेप का कनेक्शन ही हुआ है. किसी पोस्ट से नहीं बुझ रही लोगों की प्यास- मुख्य बाजार स्थित अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय के पास, सदर थाना गेट, सदर अस्पताल के मुख्य द्वार, कॉलेज चौक, डीआरडीए कार्यालय के गेट पर, कर्पूरी चौक, खादी भंडार सहित16 जगहों पर यह फ्रेम पिछले 15 दिनों से खड़ा है. इनमें से सदर अस्पताल गेट व डीआरडीए कार्यालय गेट पर बनाये गये पोस्ट पर पानी की टंकी चढ़ा दी गयी है, लेकिन कहीं भी प्यासों को एक बूंद पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. बता दें कि बीते अप्रैल महीने में 42 डिग्री सेल्सियस तक की लगातार गर्मी पड़ी थी. कदम-कदम पर लोगों के हलक सूख रहे थे. प्यास लगने पर लोगों को बोतलबंद पानी खरीदकर पीना पड़ता था. मौसम विभाग के अनुसार मई व जून में भी गर्मी का सितम चरम पर रहेगा.
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