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हर हर महादेव के जयघोष से गूंजा बाबा नगरी, पहली सोमवारी में डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने किया बाबा जलाभिषेक

हर हर महादेव के जयघोष से गूंजा बाबा नगरी, पहली सोमवारी में डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने किया बाबा जलाभिषेक

By Prabhat Khabar News Desk | July 22, 2024 10:16 PM

सुशांत, सिंहेश्वर बाबा भोले की नगरी सिंहेश्वर धाम में पहली सोमवारी को डेढ़ लाख से अधिक भक्तों ने बाबा का जलाभिषेक किया. भीड़ ज्यादा होने की आशंका को देखते हुए पंक्तिबद्ध भक्तों के लिए मंदिर का पट लगभग एक बजे ही जिला पदाधिकारी सह सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति अध्यक्ष विजय प्रकाश मीणा, पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह, एडीएम अरुण कुमार, एसडीओ सह सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सचिव संतोष कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रमेंद्र भारती सहित अन्य को पुजारी सह न्यास सदस्य संजीव ठाकुर, पूर्व सदस्य कन्हैया ठाकुर ने पूजा-अर्चना करवाने के बाद पट खोल दिया गया. मंदिर का पट खुलने से पूर्व व पट खुलने के बाद बोल बम व हर हर महादेव की ध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा. इस वजह से बाबा मंदिर परिसर सहित पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया. दूर-दराज व कई स्थानीय श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचने के साथ ही शिवगंगा पर लगे झरने व शिवगंगा में डुबकी लगा कर पूजा-अर्चना करने में जुटे रहे, जबकि कई श्रद्धालुओं द्वारा स्थानीय पुजारी द्वारा जल-फुल का संकल्प करा कर पूजा-अर्चना की गयी. मंदिर का पट खुलने के बाद से सुबह लगभग आठ बजे तक महिला व पुरुष श्रद्धालुओं से संख्या ज्यादा रही. पंडाल की वजह से मिली राहत बाबा मंदिर के आगे बैरिकेडिंग के ऊपर न्यास समिति के द्वारा लगाये गये पंडाल के वजह से श्रद्धालुओं को राहत मिली. क्योंकि पंडाल में बरसात से तो बचा जा ही सकता है और इसमें गर्मी से बचने के लिए कई पंखे भी लगाये गये है. वैसे गर्मी में श्रद्धालुओं का दिन भर पूजा करना चलता रहा. लगभग 11 बजे तक धूप कम ही हुई थी. इस वजह से श्रद्धालुओं को राहत मिली. लगातार होती रही माईकिंग देवाधिदेव की नगरी में पूजअर्चना करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं का जत्था दिन भर पहुंचता रहा. किसी भी श्रद्धालु के साथ किसी प्रकार की अनहोनी न हो इसके लिये लगातार माइकिंग किया जाता रहा. माइकिंग में किसी भी प्रकार के आभूषण पहन कर मंदिर परिसर में नहीं जाने की हिदायत दी जा रही थी, जबकि खोये हुये बच्चों के साथ स्नेह बनाते हुये पुलिस को सूचना देने की बात कही जा रही थी. अधिकारी रहे तैनात देवाधिदेव महादेव की नगरी व मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए जिले के आलाधिकारी सहित कई पदाधिकारी लगातार निगरानी बनाये हुये थे. पूरे क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर तैनात पुलिस बल के साथ एक दंडाधिकारी व एक पुलिस पदाधिकारी को तैनात किया गया था. वहीं मंदिर परिसर में भी दर्जनों अधिकारी सहित जिले के वरीय पदाधिकारी लगातार नजर बनाये हुये थे. मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिये कई सीसीटीवी कैमरे से निगरानी न्यास के नियंत्रण कक्ष में लगे मॉनिटर से किया जा रहा था. मंदिर परिसर में पर्याप्त महिला व पुरुष पुलिस बल को तैनात किया गया था, जबकि अकेले गर्भ गृह के दोनों गेट पर आधे दर्जन से अधिक पुलिस बल की तैनाती की गयी थी, जबकि इस दौरान स्थानीय युवकों ने भी स्थिति को संभाले रखा. मेडिकल टीम कर रही है कैंप मेडिकल टीम मंदिर परिसर में कैंप कर रही है. मेडिकल टीम में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रविंद्र कुमार, ईएमटी अनिल कुमार सहित अन्य लगातार डटे रहे. डाक बम के लिए विशेष व्यवस्था बाबा सिंहेश्वर नाथ का जलाभिषेक करने के लिए विभिन्न घाटों से लगभग पांच सौ से ज्यादा डाक बम अहले सुबह से ही पहुंचते रहे. डाक बम में खासकर स्थानीय सहित गौरीपुर, पटोरी, मनहरा, पतरघट, सहरसा, सिहपुर, कुमारखंड, नवगछिया, महिषी सहित अन्य जगहों के महिला, पुरुष व बच्चे शामिल थे. वहीं डाकबम पूर्व के तरह ही मंदिर के मेन गेट से ही प्रवेश करते रहे. वहीं डाक बम के लिए मंदिर न्यास समिति के सहित स्थानीय संस्था के द्वारा श्रद्धालु के लिए नींबू पानी, ग्लुकोज पानी, गरम पानी, ठंडा तेल सहित आवश्यक चीजों की व्यवस्था की गयी थी. वहीं डाक बम के पूजा-अर्चना करने के बाद स्थानीय लोगों के द्वारा ठंडे तेल से मालिस, पानी पिलाना सहित उसके दुख को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटे थे. सजी है फुलों की दुकान सावन महीना आते ही दर्जनों फुल विक्रेता के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है कि उनका फुल का व्यवसाय अच्छा चलेगा. सावन माह में सिंहेश्वर बाबा मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है,जिसे फुल विक्रेता विभिन्न प्रकार के फुल बेचकर अपना व अपने परिवार का गुजर बसर करते है. एक दर्जन से अधिक मोबाइल सहित गहनों की हुई चोरी एक तरफ जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने में लीन थे. वहीं चोरों की चांदी ही चांदी रही. हुआ ऐसा कि श्रद्धालु जैसे ही कतार में मंदिर के गर्भ गृह के पास पहुंचते थे. चोर मोबाइल चोरी कर लेता था. इसकी शिकायत लोगों ने की. वही तीन महिलाओं चेन चोरी होने की बात कही. मेला नहीं लगने से मायूस हुए श्रद्धालु पूजा-अर्चना के बाद लोगों का हुजुम मेला परिसर तक पहुंचता था, लेकिन इस वर्ष मेला का आयोजन नहीं होने से श्रद्धालुओं में मायूसी है. राजकीय श्रावणी मेला घोषित होने के कारण लोगों को यह आस थी की मेला जरूर लगाया जायेगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अभी मेला स्थल पूरी तरह से वीरान है. स्थानीय संस्थाओं ने निभायी भूमिका श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन, युवा संघ के सदस्यों ने श्रद्धालुओं की सेवा की. श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन के स्टॉल लगाया गया है, जहां गर्म पानी, शर्वत, ग्लूकोज पानी ,नींबू पानी, दर्द निवारक स्प्रे, ठंडा पानी, ठंडा तेल उपलब्ध कर सेवा में जुटे रहे. श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन के निखिल कुमार भास्कर, सागर यादव, मनीष आनंद, इंद्रदेव स्वर्णकार, गौरव झा, सुधीर मंडल, दिनेश शर्मा, सोनू कुमार, मुन्ना कुमार, अक्षय कुमार, अभिषेक सोनी, मिलन कुमारी, खुशी कुमारी, रूचि कुमारी, शिवानी अग्रवाल, राहुल कुमार, संतोष मल्लिक, आनंद सिंह, सत्यम सिंह, गौतम यादव, विश्वजीत कुमार, छोटू, अजीत यादव, गणेश गुप्ता, सुजीत झा, सूरज कुमार, चंदन सूर्या, सूरत सिंह तोमर, डी सोनू सरकार, बिट्टू चौरसिया, गोविंद रॉय, अशोक कुमार, विष्णु कुमार, सौरभ कुमार, प्रिंस कुमार, अमित यादव, रामकुमार सिंह, विद्यासागर सिंह, सोनू ठाकुर, उज्जवल कुमार, अंकित सिंह आदि मौजूद थे. युवा संघ के मनीष रंजन, सुमित कुमार, शुभम कुमार, रवि राज, अक्षत श्रीवास्तव, सुनील कुमार, अभिषेक शर्मा, सिद्धार्थ गुप्ता, मणि कुमार, मोहन कुमार, संतोष कुमार, नीरज कुमार, भानु कुमार, साकेत कुमार, विकाश भारती, रविशंकर कुमार, सावन गोस्वामी, गोविंद कुमार, बादल भगत, रंजीत कुमार, शशि कुमार, नीरज कुमार, मनीष साह, कुमार कार्तिकेय, लेखराज आदि सेवा में लगातार लगे रहे. ————— खास होता है सावन का सोमवार सिंहेश्वर. वैसे तो सावन माह को लेकर कई पौराणिक बातें बतायी जाती है, लेकिन इसमें भी कुछ खास बातें होती हैं. सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सदस्य सह पुजारी संजीव ठाकुर उर्फ मुन्ना ठाकुर ने बताया कि भगवान शिव की पहली पत्नी देवी सती ने जब अपने पिता के घर पर अपने पति शिव का अपमान होते देखा तो वो बर्दाश्त नहीं कर पायी और राजा दक्ष के यज्ञकुंड में अपनी आहूति दे दी. इसके बाद उन्होंने हिमालय पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया. पार्वती के रूप में भी उन्होंने भगवान शिव को भी अपना वर चुना और उनकी प्राप्ति के लिए तप किया. सावन के महीने में ही भगवान शिव उनके तप से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया. इसके बाद पार्वती का भगवान शिव के साथ विवाह हुआ. तब से ये पूरा सावन माह शिव और पार्वती दोनों का प्रिय माह बन गया. सोमवार का दिन महादेव और मां पार्वती को समर्पित होता है, ऐसे में उनके प्रिय माह सावन में पड़ने वाले सोमवार का महत्व कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. सावन की सोमवारी का महत्व सावन में सोमवार का व्रत रखने से मनवांछित कामना पूरी होती है. सुहागिन महिलाओं को सौभाग्यवती होने का आशीष प्राप्त होता है. साथ ही पति को लंबी आयु प्राप्त होती है. वहीं अगर कुंवारी कन्याएं ये व्रत रखें तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.

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