… राहगीरों को जख्म बांट रहे एनएच के खुले नाले
रात के अंधेरे में जब सड़क एवं नाला का फर्क समाप्त हो जाता है तो दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है.
– हादसों को दावत दे रहे जगह-जगह खुले नाले- – शहर में जानलेवा बने बिना ढ़क्कन के नाले- – प्रभात पड़ताल- प्रतिनिधि, मधेपुरा शहरी क्षेत्र में बिना स्लैब के नाले जानलेवा साबित हो रहे हैं. अभी तक दर्जनों लोग इन नालों में गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं. आधा दर्जन लोग तो अस्पताल में भर्ती तक हो चुके हैं. दस दिन पूर्व पीएस कॉलेज के सामने एनएच पर खुले नाला में गिरने से एक छात्रा गंभीर रूप से जख्मी हो गयी थी. एक माह पूर्व सिंहेश्वर रोड में एक महिला नाला में गिरकर हाथ की हड्डी टूटने से जख्मी हो गयी थी. पूराने बस स्टैंड के पास एक दंपत्ति खुले नाला में गिर गया था जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई थी. ये चंद उदाहरण हैं, ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं जिसमें नाला में गिरने से लोगों की जान पर बन आयी है. जहां तक खुले नाला में गिरकर घायल होने की बात करे तो रोजाना कई लोग गिरते हैं. रात के अंधेरे में जब सड़क एवं नाला का फर्क समाप्त हो जाता है तो दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है. – नहीं बनाया गया स्लैब- स्थानीय लोग बताते है कि एनएच द्वारा निर्मित नाले को कई जगह पर खुला ही छोड़ दिया गया है. उन जगहों पर नाला बनने के एक साल बाद भी स्लैब नहीं डाला गया है. इस वजह से हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है. इस वजह से राहगीरों को काफी परेशानी होती है. – लोगों और मवेशियों के लिए मुसीबत- सड़क चौड़ीकरण एवं नाली निर्माण का काम अधूरा छोड़ना लोगाें के साथ-साथ मवेशियाें के लिए परेशानी का कारण बन गया है. सड़क किनारे नाली खुली छोड़ देने से मवेशी उसमें गिरकर घायल हो रहे हैं. इधर काम अधूरा छोड़ कंपनी के नदारद होने से लोगों में नाराजगी बढ़ रही है. -वर्जन- एनएच 106 पर निर्मित बड़े नाले का निर्माण नेशनल हाइवें द्वारा नामित कंपनी के द्वारा किया गया है. खुला नाला में स्लैब ढ़ालना भी एनएच की ही जिम्मेदारी है. तान्या कुमारी, ईओ, नगर परिषद, मधेपुरा
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