इसके तहत एक हजार की आबादी पर 30 लोगों के बलगम का सैंपल लिया जायेगा. एक हजार टीबी टेस्ट में से केवल एक मरीज टीबी का मिलता है तो भी उस गांव को टीबी मुक्त माना जायेगा. पिछले वर्ष जो टीबी के मरीज मिले थे, जिनका इलाज पूरा हो चुका है और अब ठीक हो चुके है उन गांवों को भी टीबी मुक्त माना जाएगा. टीबी के जो पहले मरीज थे उन्हें निक्षय पोषण योजना पूरी मिली होनी चाहिये. टीबी से ठीक हुए मरीज का सी-बी नॉट टेस्ट हुआ होना चाहिये.
निक्षय पोषण किट मिली हुई होनी चाहिये. इसे लेकर मुखिया रमेश कुमार रमण की अध्यक्षता में स्वास्थ्य सभा का आयोजन किया गया. इसमें आशा द्वारा घर-घर जा कर टीबी के लक्षण वाले मरीजों का बलगम जांच करवाये जाने का निर्णय लिया गया. ताकि सरकार द्वारा टीवी से संक्रमित मरीजो को निक्षय पोषण योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलवाया जाय. मौके पर लोगों को सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच एवं दवा निःशुल्क उपलब्ध है की जानकारी दी गयी. इस दौरान बताया गया कि सरकार द्वारा 01-11-2024 से टीबी रोग से ग्रसित मरीजो को निक्षय पोषण योजना द्वारा डीबीटी के माध्यम से प्रतिमाह एक हजार रुपये दिए जाने की जानकारी दी गयी. लोगों ने जांच कराकर पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत बनाने का निर्णय लिया गया. मौके पर मुखिया रमेश कुमार रमन, उप मुखिया दिनेश मंडल, रामप्रवेश कुमार, बीएचएम ब्रिजेश कुमार, प्रोजेक्ट प्रबंधक चंदन कुमार, परिमल कुमार, राकेश कुमार, रोशन कुमार, रामप्रवेश कुमार,सीएचओ प्रीति कुमारी मौजूद थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है