कांफ्रेंस में बीएनएमयू के शिक्षक व शोधार्थियों ने पढ़ा शोध पत्र
कांफ्रेंस में बीएनएमयू के शिक्षक व शोधार्थियों ने पढ़ा शोध पत्र
प्रतिनिधि, मधेपुरा ऑल इंडिया सोशियोलॉजिकल कांफ्रेंस में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के शिक्षक व शोधार्थियों ने शोध पत्र पढ़ा. हरियाणा के गुरुग्राम स्थित बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अधिवेशन संपन्न हुआ. इसमें बीएनएमयू से दो शिक्षक व एक दर्जन शोधार्थी शामिल हुये. इस अधिवेशन में समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ राणा सुनील कुमार सिंह ने एक सत्र के चेयरपर्सन के रूप में भाग लिया. डॉ राणा ने अपना आलेख वृद्धों की परिवार में परिस्थिति : एक समाजशास्त्रीय अध्ययन भी प्रस्तुत किया. डॉ राणा ने वृद्धों की स्थिति में आने वाले परिवर्तन का मुख्य कारण युवाओं को रोजगार व शिक्षा के लिए शहरों में पलायन बताया. आरसी टू में सूरज कुमार ने परिवारिक व वैश्विक विकास में जीविका योजना की प्रासंगिकता विषय पर शोध प्रस्तुत किया. शोध आलेख में बताया कि जीविका योजना से महिलाएं न सिर्फ सशक्त हो रही है, बल्कि वह पारिवारिक व वैश्विक विकास में अपना अहम योगदान निभा रही है. आरसी एट में सूरज कुमार ने महिला सशक्तीकरण में जीविका योजना की प्रासंगिकता प्रस्तुत किया. ब्रजेश कुमार सिंह ने महिलाओं के उत्थान में आंगनबाड़ी कार्यक्रम की भूमिका पर शोध पेपर प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि भागलपुर जिला में आंगनबाड़ी कार्यक्रम से महिलाओं में शिक्षा, सामाजिक भागीदारी, स्वास्थ्य पोषण समेत अन्य में वृद्धि हुई है. पूजा कुमारी ने ग्रामीण परिवार के उत्थान में प्रधानमंत्री आवास योजना की भूमिका पर शोध प्रस्तुत की. प्रज्ञा गौतम ने प्रजातंत्र व ज्ञान में महिलाओं के सशक्तिकरण व जीवनशैली में बदलाव पर अपना शोध प्रस्तुति दी. जबकि नूतन कुमारी ने जेडर स्टडीज में कार्यकारी महिलाओं में परिवार व लिंग की भूमिका पर विचार रखा. सुलमा कुमारी ने पारिवारिक गतिशीलता में महिलाओं के समाजीकरण सशक्तिकरण पर वैश्वीकरण का प्रभाव पर, कुमारी नीतू ने मलिन बस्ती के पारिवारिक गतिशीलता पर वैश्विकरण का प्रभाव पर, खुशबू कुमारी ने बिहार के ग्रामीण महिलाओं पर उज्जवला योजना का प्रभाव पर, रोशन कुमार ने वैश्विक विकास में उद्योगों की भूमिका का समाजशास्त्रीय अध्ययन पर अपना शोध प्रस्तुत किया. सम्मेलन में विश्वविद्यालय पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ मनोरंजन प्रसाद भी शामिल हुये.
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