मधेपुरा. शहर की सड़कों पर दुकानें सजी हुई हैं. वहीं सड़कों पर वाहनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. फुटपाथ भी इन्हीं दुकानदारों के कब्जे में है, लिहाजा पैदल राहगीरों को चलने को जगह नहीं मिल पा रही है. उन्हें बीच सड़क पर चलने की मजबूरी बनी हुई है. इससे आये दिन सड़क दुर्घटना में जोग जख्मी हो अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन यातायात पुलिस और नप कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
फैलता ही जा रहा है अतिक्रमण –
शहर के कर्पूरी चौक से सदर अनुमंडल कार्यालय तक फुटपाथी दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजाई हुई है. उनके द्वारा दुकानों के बाहर भी छह फीट तक अतिक्रमण कर लिया गया है. सड़क पर ही इन दुकानों का काउंटर रखा हुआ है. ऐसे फुटपाथी दुकानों से सटे ही बाइक भी खड़ी की जा रही है. इससे सड़क पर जाम और पैदल राहगीरों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहर के बस स्टैंड और अन्य स्थानों पर फुटपाथ पूरी तरह से दुकानदारों के कब्जे में है, लेकिन नगर परिषद भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं कर रहा है. पुलिस भी दुकानदारों पर कार्रवाई व सामान जब्ती की कार्रवाई नहीं कर रही है. नतीजा ऐसी दुकानों का लगातार विस्तार होता जा रहा है.सड़क पर फैला देते हैं सामान-
बाजार में अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. मुख्य बाजार में कई जगहों पर दुकान के अंदर जगह कम रहने के बावजूद दुकानदार ज्यादा सामान फैलाए रहते हैं. दुकान के बाहर सामान भी फुटपाथ पर ही रख दिये जाते हैं. लिहाजा राहगीरों को बीच सड़क पर आवाजाही की मजबूरी बनी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क के फुटपाथ पर कब्जा रहने से लोग मुख्य मार्ग पर पैदल चलते हैं, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.पार्किंग का नहीं होना भी अतिक्रमण की वजह-
शहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं रहने से भी बाजार की सड़कों पर लगे बेतरतीब वाहन अतिक्रमण को बढ़ावा देता है. ज्ञात हो कि शहर के मुख्य बाजार में संचालित होटल, रेस्टूरेंट, शो रुम, बैंक के आसपास पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गयी है. इस वजह से लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है. स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण से मुक्ति के लिए जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है