एनएच 107 पर बने गड्ढे से लोग हो रहे जख्मी, अधिकारी बने हैं अनजान
एनएच 107 पर बने गड्ढे से लोग हो रहे जख्मी, अधिकारी बने हैं अनजान
प्रतिनिधि, मधेपुरा जिले में जब किसी प्रकार की मांग करनी हो और उसके लिए जब तक लोगों के द्वारा आंदोलन नहीं हो जाय या कोई बड़ी घटना नहीं घट जाय तब तक जिला प्रशासन की तंद्रा भंग नहीं होती है. छोटे-छोटे काम के लिए जिला प्रशासन को आंदोलन करवाने की आदत सी हो गयी है. ज्ञात हो कि मधेपुरा रेलवे स्टेशन से पश्चिम भारतीय स्टेट बैंक के व्यवसायिक शाखा के सामने मधेपुरा-सहरसा मुख्य मार्ग पर सड़क गड्ढे में तब्दील हो जाने के कारण बारिश का पानी भर जाता है, जिससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. बीते दिनों कई वाहन चालकों को जख्मी होना पड़ रहा है. इसके अलावा मधेपुरा-सहरसा मुख्य सड़क एनएच 107 पर मधेपुरा के निकट गणेश स्थान में मुख्य सड़क मार्ग पर जानलेवा गड्डा बनता जा रहा है, लेकिन इस पर जिला प्रशासन की नजर नहीं जा रही है. इससे स्थानीय लोगों व राहगीरों ने जिला प्रशासन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कि कुछ ही साल बने इस सड़कों पर इतने बड़े गड्ढे जो बड़ी-बड़ी हादसा को आमंत्रण दे रहे है. इस पर किसी का ध्यान नहीं है, जबकि इस रास्ते से अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की गाड़ियां गुजरती है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया.
रात में हो रहे हादसे
स्थानीय लोगों का कहना है रात के समय में यहां अधिक दुर्घटना होती है. सड़क पर बने गड्ढे के समीप स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा लकड़ी व ईंट के सहारे सड़क को घेर दिया गया है, जिससे वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त नहीं हो, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रतिदिन यहां दर्जनों घटना होती रहती है. लगभग कई महीनों से यहां मुख्य सड़क टूटने के कारण बड़े गड्ढे में तब्दील हो गया है. सड़क पर गड्ढों में बरसात का पानी भर जाने के कारण किसी भी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है. यह सहरसा से पूर्णिया को जोड़ने वाला यह मुख्य मार्ग है, जिससे रोज बड़े वाहनों से लेकर छोटे वाहनों का आना जाना लगा रहता है. ऐसे में इन गड्ढों के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है. खास कर ऑटो व दो पहिया वाहन कई बार इन गड्ढों में दुर्घटना ग्रस्त होकर कई लोग चोटिल भी हो चुके है. गड्ढे में पानी भर जाने के कारण वाहन चालकों को पानी में गड्ढे होने का कुछ पता ही नहीं चलता है, जिससे चालक अचानक से आकर गड्ढे में गिर जाते हैं. ऐसे में वाहन चालकों के लिए बड़ी दुर्घटना के शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है. जिला प्रशासन के अधिकारी इसे नजर अंदाज करते दिख रहे हैं.सबैला से मिठाई ढाला बनी जानलेवा
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