प्रतिनिधि, मधेपुरा ठंड बढ़ने से जिले के लोग परेशान हैं. हालांकि दिन में सूरज की तपिश लोगों को राहत दे रही है, लेकिन शाम होते ही पारा एकाएक लुढ़क जाती है. रात में पारा गिरने लोगों को रजाई में दुबके रहने को विवश हैं. हालांकि काम पर निकलने वाले लोगों को रोज सर्दी से दो-चार करना पड़ रहा है. शुक्रवार को जिले का अधिकतम तापमान 21 तो न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस रहा. अभी तापमान के और भी अधिक गिरने के आसार हैं, लिहाजा लोगों को इससे बचने की जरूरत है. बर्फ सा ठंडा है पानी, छूने में भी लगता है डर सुबह-सबेरे बिस्तर छोड़ने के साथ रात में बिछावन पर जाने से पहले तक दिनभर लोगों को पानी का सामना करना ही पड़ता है. बर्फ सा ठंडा पानी होने के कारण छूने में भी लोगों को डर लगता है. पीने और स्नान करने के लिए तो लोग गुनगुने पानी का उपयोग कर लेते हैं, लेकिन हाथ सहित बर्तन, कपड़ा धोने, खाना बनाने और घर में पोंछा लगाने के लिए ठंडा पानी छूना ही पड़ रहा है. इस सर्दी में सबसे अधिक परेशानी गृहिणियों और कामकाजी महिलाओं को हो रही है. ठंड का अटैक शीघ्र कर देता बीमार ठंड में थोड़ी सी भी लापरवाही से लोग तुरंत बीमार हो डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं. डॉ सीके बोस ने बताया कि लोगों को ठंड से बचकर रहना चाहिए. ठंड का अटैक लोगों को कई रूप ये बीमार कर परेशान कर देता है. सिर दर्द, पेट दर्द, शरीर में ऐंठन, उल्टी, डिहाइड्रेशन, भूख नहीं लगना कोल्ड अटैक के कई लक्षण हैं. इसके अलावा यह रक्त वाहिनियों को भी प्रभावित कर रक्त के प्रभाव को रोक या उसमें रूकावट ला लोगों को बड़ी परेशानी में डाल सकता है. डॉ बोस ने बताया कि स्नान करने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग तो करना ही चाहिए. साथ ही लहसून और सरसों के तेल से पूरे शरीर की मालिश करना चाहिए. यह शरीर को नैसर्गिक रूप से गर्मी देता है. विशेष परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए.
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