प्रतिनिधि, मधेपुरा
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में राजभवन व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का धड़ल्ले से उल्लंघन करते हुए चल रही प्रथा एक शिक्षक को कई पद देने को लेकर प्रभात खबर द्वारा बीते तीन दिनों से प्रकाशित किया जा रहा है. प्रभात खबर में लगातार खबर छपने के बाद एव कई छात्र प्रतिनिधियों के प्रतिक्रिया के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की निंद्रा खुली और उन्होंने मामले में कार्रवाई की. विश्वविद्यालय ने मामले में कार्रवाई करते हुए सर्वनारायण सिंह रामकुमार सिंह महाविद्यालय सहरसा के प्राचार्य प्रो अशोक कुमार सिंह को विभागाध्यक्ष के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है. हालांकि अभी भी कई शिक्षक, कई पदों पर बने हुए हैं. इस पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन को बिना किसी बहाने के कार्रवाई करने की जरूरत है.
कुलसचिव ने प्राचार्य को विभागाध्यक्ष के पद से किया मुक्त
प्रभात खबर में तीन दिनों से उठाया जा रहा है मुद्दा
मालूम हो कि बीएनएमयू में एक शिक्षक को कई पद देने की प्रथा को लेकर प्रभात द्वारा सोमवार को कैंपस पेज पर नियमों को तक पर रख शिक्षकों को बांटी जा रही विभाग की रेवड़ी, हेडिंग के साथ खबर चलाई गई. वहीं मंगलवार को भी कैंपस पेज पर नियमों की अनदेखी, एक या दो नहीं चार पदों पर जमे हैं शिक्षक, हेडिंग के साथ खबर चलायी गयी, जबकि बुधवार को पेज नंबर चार पर विश्वविद्यालय का मूल कार्य हो रहा प्रभावित, कुलाधिपति को पत्र भेज जतायी आपत्ति से खबर छापी.प्रो सीपी सिंह पूर्व से भी हैं विभागाध्यक्ष
विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिस शिक्षक प्रो सीपी सिंह को विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष बनाया है, वे पूर्व से भी किसी विषय के विभागाध्यक्ष हैं यानि वे विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष हैं. इसके साथ ही प्रो सीपी सिंह वर्तमान में शिक्षाशास्त्र विभाग के इंचार्ज भी हैं. वहीं मालूम हो कि डा इम्तियाज अंजुम विश्वविद्यालय में सीसी-डीसी के साथ विकास पदाधिकारी भी है. इसके साथ ही डा इम्तियाज अंजुम विधि प्रकोष्ठ के प्रभारी भी हैं. डाॅ अशोक कुमार पोद्दार पार्वती विज्ञान महाविद्यालय के बर्सर हैं. साथ ही यह विश्वविद्यालय के परिसंपदा पदाधिकारी, एनएसएस समन्वयक तथा विश्वविद्यालय के स्पेशल टेबलेटर भी हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है