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शोध को समाजपयोगी बनाने के लिए शोधाथियों को बनना होगा जिज्ञाशु : प्रो फारुक

शोध को समाजपयोगी बनाने के लिए शोधाथियों को बनना होगा जिज्ञाशु : प्रो फारुक

मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय शैक्षणिक परिसर स्थित विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग में रिसर्च स्किल डेवलपमेंट पर आयोजित छह दिवसीय कार्यशाला का शनिवार को समापन हुआ. समापन समारोह के अवसर पर बीएनएमयू के पूर्व प्रतिकुलपति सह जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के पूर्व कुलपति प्रो फारुक अली मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे. पूर्व कुलपति प्रो फारुक अली ने कहा कि शोध को समाजपयोगी बनाने के लिए शोधाथियों को जिज्ञाशु बनना होगा. शोध ऐसा हो जो राष्ट्र को प्रदान करे नयी दिशा- पूर्व कुलपति ने कहा कि पहले छात्र-छात्राएं समस्या को समझे, फिर उस समस्या के समाधान के लिए टॉपिक का चयन कर उसपर रिसर्च करें. उन्होंने कहा कि अपने गाइड व अन्य शिक्षकों से समस्या के समाधान पर चर्चा करते रहें. उन्होंने कहा कि शोध ऐसा हो जो राष्ट्र को नयी दिशा प्रदान करे. उन्होंने पीपीटी के माध्यम से प्रतिभागियों को शोध के टिप्स को बताया. उन्होंने कहा कि शोधार्थी को डॉटा का संकलन यर्थाथ रूप से करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बीएनएमयू निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है. प्रतिभागियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा राष्ट्रीय कार्यशाला- पूर्व कुलपति ने अपने कार्यकाल के यादों को भी साझा किया. उन्होंने कहा कि रिसर्च स्किल डेवलपमेंट पर आधारित छह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. यह गौरव की बात है कि कई केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित देश के नामचीन विद्वानों द्वारा प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया गया. उन्होंने आयोजन समिति के निदेशक सह विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो एमआइ रहमान, आयोजन सचिव डॉ आनंद कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ सिकेंद्र कुमार सहित आयोजन समिति को धन्यवाद देते कहा कि ऐसे आयोजन से छात्रों के कौशल का विकास होगा. शोध के प्रति रखें समर्पण, करें ईमानदारी पूर्वक कार्य- पूर्व कुलपति ने प्रतिभागियों से शोध के प्रति समर्पण रखते हुए ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की अपील की. इससे पहले आयोजन समिति के निदेशक सह विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो एमआइ रहमान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए छह दिनों तक कार्यशाला में व्याख्यान देने वाले वक्ताओं सहित कार्यशाला में सहयोग करने वालों का आभार व्यक्त किया. समापन समारोह में जंतु विज्ञान विभाग के सेवानिवृत अध्यक्ष प्रो अरुण कुमार ने शोधार्थियों एवं प्रतिभागियों से शोध की महत्ता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि छात्र नियमित रूप से अध्ययन के प्रति समर्पित रहें. गुणवत्तापूर्ण शोध में डॉटा का संकलन आवश्यक- समारोह में प्रो अबुल फजल ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शोध में डाटा का संकलन आवश्यक है. उन्होंने वास्तविक डाटा कलेक्शन की बात कही. कार्यक्रम का संचालन गृह विज्ञान विभाग की प्रियंका ने की. मौके पर डॉ आनंद कुमार सिंह, डॉ सिकेंद्र कुमार, डॉ पंचानंद मिश्र, महाकांत यादव, डॉ सुधांशु शेखर, डॉ शंकर कुमार मिश्र, डॉ संजय कुमार परमार, धीरेंद्र कुमार, डॉ बीबी मिश्रा आदि मौजूद थे. प्रतिभागियों को मिला प्रमाणपत्र- बीएनएमयू के मनोविज्ञान विभाग में आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर पर बीएनएमयू के पूर्व प्रतिकुपलति सह जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के पूर्व कुलपति प्रो फारुक अली के हाथों ऑफ लाइन शामिल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया गया. इस अवसर पर डॉ हेमा कुमारी के नेतृत्व में कलाकारों की टीम ने स्वागत गान व कुलगीत की प्रस्तुति दी.

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