सिंहेश्वर. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सुखासन पंचायत में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन वृंदावन से आये कथावाचक अतुल जी महाराज ने कहा कि समय हमारा इंतजार नहीं करता है. श्रीमद्भागवत का यह क्षण छुट गया फिर मिलना मुश्किल है. उन्होंने कहा तुलसी दास ने जीवन में क्या किया. उसको कम लोग जानते हैं, लेकिन अंत में श्रीमद्भागवत कथा के बाद रामायण की रचना कर सभी के प्रिय हो गये. पुण्य कर्म कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है. उन्होंने कहा कि सतसंग अंहकार को खा जाता है. उन्होंने माता सीता के अहंकार की कथा कहते हुये कहा कि एक बार माता सीता ने भगवान राम से कहा कि भंडारा करना है. उसमें ऐसा ब्राह्मण को निमंत्रण दिजियेगा की चार- पांच पुरी खाते ही यह ना कहे अब छोड़ दीजिए. ढंग से खाना खाएं ऐसा ब्राह्मण हो. भगवान राम मुस्कुरा कर ऋषि अगस्त्य को निमंत्रण दे दिया. जब ऋषि अगस्त्य भोजन करने आए तो भोजन करते ही चले गए. माता परेशान लेकिन अगस्त जी का पेट ही नहीं भर रहा था. भोजन के 15वें दिन माता बहुत दुखी होकर भगवान राम से कहा अब कुछ तो उपाय कीजिये,तो भगवान राम ने कहा भोग में तुलसी डालकर भोग लगा कर दो. तुलसी के भोग लगाते ही अगस्त जी तृप्त हो गये, तो अंहकार ने माता को भी नहीं छोड़ा तो हम मनुष्य है. मौके पर नगर पंचायत सिंहेश्वर के मुख्य पार्षद पूनम देवी, व्यापार मंडल के अध्यक्ष शिवचंद्र चौधरी, इं जय प्रकाश जायसवाल, सुभाष चौधरी, ओम प्रकाश जायसवाल, मुनेश्वर चौधरी, गोविंद कुमार, राज किशोर कुमार, संतोष चौधरी, पप्पू कुमार यादव, मुकेश कुमार, विनय यादव, कार्तिक कुमार कर्ण, विनोद कुमार, रणवीर कुमार, लखविंदर कुमार, प्रभाकर कुमार, जैकी कुमार, रवि कुमार, प्रमोद यादव, ओम प्रकाश कुमार, सहायक रिशु कुमार, रंजीत सिंह, हनुमान कुमार, प्रदीप यादव, अखिलेश यादव, सुनील कुमार आदि मौजूद थे.
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