मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के अंतर्गत पार्वती विज्ञान महाविद्यालय मधेपुरा में जलवायु परिवर्तन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा. संगोष्ठी को ज्ञानवर्द्धक बनाने के लिए महाविद्यालय के सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की बैठक गुरुवार को हुई. प्राचार्य प्रो अशोक कुमार ने बैठक में संगोष्ठी के सफल आयोजन पर विचार-विमर्श किया गया. वैश्विक समस्या के निदान के लिए सकारात्मक प्रयास- प्राचार्य सह आयोजन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से होने वाली परेशानी व इसके निदान के लिए यह संगोष्ठी आयोजित की जायेगी. 29 मई व 30 मई को जलवायु परिवर्तन : अतीत, वर्तमान व भविष्य विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए प्राचार्य ने कई निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के सभी शिक्षक व कर्मचारी इस संगोष्ठी को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभायें. उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी इस वैश्विक समस्या के निदान के लिए सकारात्मक प्रयास करेगी. संगोष्ठी के संयोजक डॉ राजेश कुमार सिंह व आयोजन सचिव सुधांशु शेखर ने संगोष्ठी के विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान परिदृश्य में पर्यावरण क्षरण व उससे उत्पन्न समस्याओं के कारण जलवायु में जो उत्तरोत्तर बदलाव हो रहे हैं और जिसके फलाफल में आज कई समस्याओं ने विकराल रूप धारण कर लिया है. इसके कारण जीवन की सभी आयाम प्रभावित हैं. विभिन्न उप समितियों का गठन- बैठक में संगोष्ठी के निमित्त विभिन्न उप समितियों का गठन किया गया है, ताकि कोई अभाव न रह जाय. बैठक में प्रो रामदेव यादव, डॉ मनसा कुमारी, डॉ दीप नारायण यादव, प्रो प्रदीप कुमार झा, डॉ आलोक कुमार, डॉ मीना कुमारी, डॉ अशोक कुमार पोद्दार, डॉ संतोष कुमार, डॉ सरफरारज आलम, डॉ सुमेध आनंद, डॉ शोभा कुमारी, डॉ राम प्रकाश, डॉ संजय कुमार परमार, डॉ अंशु कुमारी, डॉ रीतू रत्नम, डॉ संध्या ठाकुर, प्रो श्याम कुमार, प्रो सतीश कुमार सिंह, श्याम कुमार, शिवनाथ गुप्ता आदि मौजूद थे. 24 मई तक लिये जायेंगे आलेख- पार्वती विज्ञान महाविद्यालय मधेपुरा में आयोजित होने वाले संगोष्ठी के लिए स्तरीय स्मारिका का विमोचन किया जायेगा. प्राचार्य डॉ अशोक कुमार ने बताया कि इसके लिए 24 मई तक आलेख स्वीकार किये जायेंगे. उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित कई उपविषय भी दिये गये हैं. इनमें वैश्विक कार्बन बजट में आद्रभूमि व जल निकायों का महत्व, जलवायु जोखिम अनुसंधान में मानवीय मूल्यों का स्थान, शून्य कार्बन व बिजली स्वच्छ उर्जा संक्रमण की कूंजी समेत अन्य उपविषय शामिल किये गये हैं. कुलपति बनाये गये प्रधान संरक्षक- संगोष्ठी के लिए कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा को प्रधान संरक्षक बनाया गया है. अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो नवीन कुमार को संरक्षक, प्राचार्य प्रो अशोक कुमार को अध्यक्ष बनाया गया है. भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राजेश कुमार सिंह को संयोजक, सुधांशु शेखर को आयोजन सचिव का दायित्व सौंपा गया है. डॉ सुमेध आनंद, डॉ सरफराज आलम व डॉ संतोष कुमार को कार्यकारी सचिव का दायित्व दिया गया है. विषय विशेषज्ञों को किया गया है आमंत्रित- संगोष्ठी के लिए कई विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है. इनमें महात्मा गांधी हिंदी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र के प्रो ओम प्रकाश भारती, लुसेंट पब्लिकेशन के लेखक डॉ सुनील कुमार सिंह, पूर्व भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो राजेंद्र यादव व स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के डॉ अमित विश्वकर्मा सहित अन्य का नाम शामिल है.
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