मेडिकल कॉलेज में डाॅक्टरों की कमी मरीजों के जीवन से है खिलवाड़
कुल सृजित 232 पदों के विरुद्ध मात्र 62 चिकित्सक ही पदस्थापित हैं. पदस्थापित 62 चिकित्सकों में से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर मात्र 24 ही हैं.
-सिविल सोसायटी ने तेजस्वी यादव से मिल सौंपा ज्ञापन- प्रतिनिधि, मधेपुरा जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज की बदहाली एवं स्वीकृत पद के विरुद्ध काफी कम चिकित्सक एवं चिकित्सक शिक्षकों के रहने को लेकर सिविल सोसाइटी ने विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा. सोसाइटी अध्यक्ष डॉ एसएन यादव के नेतृत्व मे मिलने गए शिष्टमंडल में उपाध्यक्ष डॉ आरके पप्पू एवं सचिव राकेश रंजन शामिल थे. शिष्टमंडल ने उनसे मिलकर बताया कि मेडिकल कॉलेज रेफरल हॉस्पिटल बन गया है. उन्हें बताया कि सिविल सोसाइटी ने हाल ही में विधान पार्षद डॉ अजय कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा था, जिसके आलोक में उन्होंने विधान परिषद में मामला भी उठाया था. लेकिन अब तक किसी प्रकार का सुधार नहीं हुआ है. जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने पटना जाने के बाद वे इस मामले में अपने स्तर से आवश्यक कारवाई का भरोसा दिलाया. सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की भारी कमी है. चिकित्सकों के कुल सृजित 232 पदों के विरुद्ध मात्र 62 चिकित्सक ही पदस्थापित हैं. पदस्थापित 62 चिकित्सकों में से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर मात्र 24 ही हैं. कॉलेज में अध्ययनरत बच्चों की पढाई के साथ मरीजों के इलाज इन्हीं के जिम्में रहती है. यह न सिर्फ मरीजों के जीवन से खिलवाड़ है, बल्कि मेडिकल कॉलेज मे पढ़ रहे छात्रों के जीवन से भी खिलवाड़ है. वही कुल चिकित्सकों के सृजित पदों के विरुद्ध पदस्थापन की अगर बात की जाय तो प्रोफेसर के स्वीकृत 24 पदों के विरुद्ध मात्र 4 ही पदस्थापित है। इसी प्रकार एसोसिएट प्रोफेसर के स्वीकृत 43 के विरुद्ध 10 एवं असिसटेंट प्रोफेसर के स्वीकृत 76 पद के विरुद्ध भी महज 10 ही पदस्थापित है। वही सीनियर रेजिडेंट के स्वीकृत 58 पद के विरुद्ध 26 एवं ट्यूटर के स्वीकृत 32 पद के विरुद्ध मात्र 10 पदस्थापित है।
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