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Rakshabandhan Special: डिजिटल हो गयी राखी की डोर, घर बैठे बहन भेज रही भाई को प्यार

Rakshabandhan Special: मधेपुरा इंटरनेट की दुनिया में जहां हमारी जिंदगी ही डिजिटल होती जा रही है, वहां भाई-बहन के प्यार का प्रतीक राखी भी डिजिटल रूप में अब सामने आने लगी है.

Rakshabandhan Special: मधेपुरा इंटरनेट की दुनिया में जहां हमारी जिंदगी ही डिजिटल होती जा रही है, वहां भाई-बहन के प्यार का प्रतीक राखी भी डिजिटल रूप में अब सामने आने लगी है. पहले रक्षाबंधन से पहले बहन बाजार पहुंच भाई के लिए राखी पसंद करती थी. भाई दूर व प्रदेश में रहता था, तो बहन डाक व कुरियर के माध्यम से राखी भेज देती थी. अब जमाना बदल गया है. अब बहन भी स्मार्ट फोन के जरिये इंटरनेट पर ऑनलाइन राखी की बुकिंग कर भाई को भेज रही है. स्थानीय स्तर पर भी ऐसे कई लोग मिले जिन्होंने राखी भेजने के लिए डिजिटल माध्यम को अपनाया है. बहनों का कहना है कि मोबाइल पर राखी का डिजाइन व बजट के अनुसार राखी ऑर्डर करने के सभी विकल्प मौजूद हैं.

Rakshabandhan Special: इंटरनेट के माध्यम से सजने लगे हैं पर्व त्योहार

रक्षाबंधन भी इंटरनेट की मदद से भारत के सीमाओं से बाहर निकलकर विश्व भर में भाई-बहनों के दिल में अपनी जगह बना रहा है. पिछले कुछ सालों से रक्षाबंधन के त्योहार पर इंटरनेट से रक्षाबंधन के राखी भेजने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे इंटरनेट का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में बढ़ती गयी, वैसे-वैसे इस माध्यम में भी हमारे पर्व त्योहार सजने लगे हैं.

Rakshabandhan Special: सीमाओं को पार करने की आजादी

रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. इतना ही नहीं, पिछले कुछ समय से विदेशों में बसे भाई-बहन भी इस त्योहार को मनाने में कहीं कसर नहीं छोड़ रहे हैं. भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन भी इंटरनेट की मदद से भारत की सीमाओं से बाहर निकलकर विश्वभर में भाई-बहनों के दिल में अपनी जगह बना रहा है.

Rakshabandhan Special: इंटरनेट पर सजा हुआ है राखी का बाजार

अब भाई की कलाई पर बांधी जाने वाली राखी यानी रेशम की डोर डिजिटल हो गयी है. विदेशों में बसे भाई को बहनें बड़ी आसानी से चंद मिनटों में राखी भेजकर अपना कर्तव्य पूरा कर रही हैं. जिन बहनों को पराये देश की गलियों में राखी की सजी-धजी दुकानें देखने को नहीं मिलती, उनके लिए इंटरनेट पर राखी का पूरा बाजार सजा हुआ है.

Rakshabandhan Special: घर में ही राखी पसंद करने की आजादी

राखी ही क्यों इंटरनेट पर तो अक्षत-कुमकुम से लेकर सजी-सजाई पूजा की थाली भी उपलब्ध है. ऐसा नहीं है कि यह सबकुछ इंटरनेट के जरिये बहनें अपने भाइयों तक पहुंचाती हैं. इंटरनेट पर आपके लिए पूजा की थाली से लेकर नारियल व मिठाई, चॉकलेट खरीदने व उसे भाई के घर पहुंचाने की सुविधा भी उपलब्ध है और घर बैठे राखी पसंद करने की आजादी भी रहती है.

Rakshabandhan Special: अब डिजिटल हो गयी है रक्षा की यह डोर

इंटरनेट पर राखी भेजने की सुविधा ने विदेश व दूसरे प्रदेश में रहने वाले लोगों में भी उत्सुकता ला दी है. भाई-बहन के बीच होने वाली छोटी-छोटी तकरार, प्यार भरी नोक-झोंक, एक-दूसरे के प्रति समर्पण दुनिया के हर कोने में देखा जा सकता है. सचमुच भाई-बहन की रक्षा की यह बंधने वाली डोर अब डिजिटल हो गयी है.

Rakshabandhan Special: बाजार में भी रक्षाबंधन की रौनक

स्थानीय बाजार में भी रक्षाबंधन की रौनक नजर आने लगी है. मुख्य मार्ग पर सभी जगह राखी की दुकानें सज गयी है. पांच रुपये से लेकर सौ रुपये तक की राखी चलन में है. इन राखी को खरीदने के बाद डाक विभाग से अन्यत्र भेजने की प्रक्रिया भी जारी है. मालूम हो कि इंटरनेट पर उपलब्ध साइट भी सौ रुपये के बजट में कुरियर खर्च सहित राखी की डिलिवरी दे रही है.

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