डॉ रवि व डॉ मीरा की प्रतिमा का किया गया अनावरण
डॉ रवि व डॉ मीरा की प्रतिमा का किया गया अनावरण
प्रतिनिधि, मधेपुरा जिला मुख्यालय के सांसद मार्ग पर चतरा कोठी में पूर्व विधायक सह पूर्व सांसद सह भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ रमेंद्र कुमार यादव रवि व उनकी धर्मपत्नी पार्वती विज्ञान महाविद्यालय मधेपुरा की मैथिली विभाग की पूर्व प्रोफेसर डॉ मीरा कुमारी की प्रतिमा अनावरण बुधवार को किया गया. मौके पर जिले समेत कोसी के राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक व साहित्यिक जगत के गणमान्य लोग उपस्थित थे. प्रतिमा का अनावरण डॉ रमेंद्र कुमार यादव रवि व डॉ मीरा कुमारी के तीनों पुत्र डॉ रत्नदीप, डॉ कुमार चंद्रदीप, डॉ अमरदीप, बेटी डॉ मधुनंदा व तीनों बहुओं डॉ किरण कुमारी, डॉ रागिनी दीप व रूपम भारती ने किया. मौके पर पूर्व मंत्री अशोक सिंह, पूर्व मंत्री रमेश ऋषिदेव, एमएलसी अजय सिंह, पूर्व विधायक यदुवंश यादव, पूर्व कुलपति डॉ आरकेपी रमण, पूर्व प्रतिकुलपति डॉ केके मंडल, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी, बीएनएमयू कुलसचिव प्रो बिपिन कुमार राय, जिला परिषद अध्यक्ष मंजू देवी, टीपी कॉलेज मधेपुरा के प्राचार्य प्रो कैलाश प्रसाद यादव, पीएस कॉलेज मधेपुरा के प्राचार्य प्रो अशोक कुमार, मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के संस्थापक डॉ अशोक कुमार, मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा की प्राचार्य डॉ पूनम यादव, केपी कॉलेज मधेपुरा के प्राचार्य डॉ जवाहर पासवान, बीएनएमयू के प्रो ललन अद्री, डॉ सुधांशु शेखर, डॉ प्रज्ञा प्रसाद, डॉ राजीव रंजन, शंभू नारायण यादव, समाजसेवी मनीष सर्राफ, सांसद प्रतिनिधि बिजेंद्र नारायण यादव, राजद जिलाध्यक्ष जयकांत यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक यादव, जदयू नेता महेंद्र पटेल, गुड्डी देवी, नीरज कुमार, नरेश पासवान, मनोज भटनागर, भाजपा नेता डॉ अमोल राय, स्वदेश कुमार, सीपीएम नेता प्रमोद प्रभाकर, कांग्रेस नेता प्रो अरुण कुमार, युवा राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अभिषेक कुशवाहा, प्रदेश सचिव मो इफ्तेखार आलम उर्फ गुड्डू,परिवार के सदस्य बालिका देवी, अशोक कुमार, विजय कुमार यादव, अजय कुमार, निरोद निराला, प्रवीण चंद्र, राजदीप, संजय सत्यार्थी, सुजित कुमार, डॉ बरुण कुमार, डॉ रश्मि भारती आदि उपस्थित थे. मौके पर डॉ रत्नदीप, डॉ कुमार चंद्रदीप, डॉ मधुनंदा व डॉ अमरदीप ने कहा कि अपने माता-पिता की प्रतिमा की स्थापना के लिए हमलोगों ने आज का दिन चुना, क्योंकि आज हमारे माता-पिता की शादी की 62वीं सालगिरह है. यह दिन हमलोगों के लिए त्योहार की तरह है और आज के दिन स्थापित उनका स्मृति-स्थल हमलोगों का मंदिर है. हमलोग अपने माता-पिता से मिले संस्कार, विचार व आदर्श के अनुरूप जीवन-पर्यंत काम करें, यही हमलोगों के जीवन का लक्ष्य और ध्येय है.
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