ठाकुर अनुकूल चंद्र की भक्ति में ही मिलता है शक्ति : प्रताप
ठाकुर अनुकूल चंद्र की भक्ति में ही मिलता है शक्ति : प्रताप
प्रतिनिधि, बिहारीगंज
ठाकुर अनुकूल चंद्र की भक्ति से ही शक्ति मिलता है. ठाकुर के अनुयायी ठाकुर की छवि में भी संपूर्णता तलाशते है. जो भी मानव ठाकुर की भक्ति में लीन रहता है. ठाकुर उनकी हर व्यथा को अवश्य सुनते है. ठाकुर अनुकूल चंद्र के एक सौ 37वें जन्मोत्सव पर सहरसा जिला से बिहारीगंज सत्संग समारोह में आये सह प्रतिऋत्विक प्रताप नारायण सिंह ने एक भेंट में बतायी. मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल मुख्यालय स्थित हरिहर साहा महाविद्यालय के प्राचार्य पद से अवकाश प्राप्त प्रताप नारायण सिंह ने बीते रविवार को बताया कि बंगालदेश के पाबना जिले से भारत में अध्यात्म के प्रचार प्रसार के लिए ठाकुर अनुकूल चंद्र का आगमन हुआ. कल्कि अवतार के रूप में जाने जाते ठाकुर अनुकूल चंद्र का आविर्भाव मानव कल्याण के लिए हुआ है. ठाकुर अनुकूल के हाथों से लिखा सत्यानुसरण पुस्तक की हर एक वाणी मानव हित में समाहित है. मनुष्य की पीड़ा को सहज प्रवृति में मान लेना ठाकुर अनुकूल मुख मिश्रित शाश्वती ग्रन्थ की वाणियों में शामिल है.ठाकुर के परम् अनुयायी प्रताप नारायण सिंह ने भेंटवार्ता में बताया कि जिस तरह एक बालक के विद्यालय पोशाक में विद्यालय जाने भर से वह छात्र नहीं कहलाता है. उसे विद्या अध्ययन करना ही पड़ता है. ठीक उसी प्रकार सिर्फ मन्त्र ले लेने से ही कोई शिष्य या अनुयायी नहीं बन जाता है. उसे अपने गुरु के सामने प्रत्यक्ष तौर पर भक्ति प्रस्तुत करना पड़ता है.
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