प्रभात खबर से विशेष बातचीत में खुशी कक्कड़ ने बताया कि मगही गीत “जैवी त जो हमारा गम नय खे ” से उन्हें प्रसिद्धि मिली. शुरुआत में वे अपने गांव में अपनी मां के साथ शादी-विवाह में गीत गाती थीं, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. हालांकि, भोजपुरी इंडस्ट्री में कदम रखने के दौरान उन्हें लोगों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, पर अब दर्शकों के प्यार से उन्हें एक नया मुकाम मिला है.
भोजपुरी इंडस्ट्री में विवादों के सवाल पर खुशी कक्कड़ ने कहा कि वे यहां काम करने आयी हैं और हमेशा विवादों से दूर रहना चाहती हैं. अपने करियर को ऊंचाइयों पर ले जाने में ही वह यकीन रखती हैं.अपनी शिक्षा के बारे में खुशी ने बताया कि वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रही हैं और आगे भी पढ़ाई जारी रखेंगी. शिक्षा को लेकर उनका मानना है कि पढ़ाई भी उतनी ही जरूरी है जितना गाना.
साथ ही, स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के निधन पर भावुक होते हुए खुशी ने कहा कि उनका एक सपना अधूरा रह गया है. शारदा मां से मिलने की ख्वाहिश अब पूरी नहीं हो पायेगी, लेकिन उनके गीतों के जरिये वे हमेशा उन्हें याद करेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है