मधेपुरा. गर्मी का सितम अपने चरमोत्कर्ष पर है. आसमान से आग के गोले बरस रहे हैं. अहले सुबह सूरज उगने के साथ झड़क शुरू हो जा रही है. 10 बजे के बाद तो चाहकर भी लोग काम नहीं कर पाते हैं. दोपहर से लेकर शाम तक सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा. गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नित्य नया रिकाॅर्ड बनाने की ओर बढ़ रही गर्मी लोगों पर भारी पड़ रही है. बुधवार को लगातार तीसरे दिन तापमान 42 डिग्री के पार रहा. दोपहर में मौसम का पारा 42 को भी पार कर 43.4 तक पहुंच गया. न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रहा. घर से निकलते ही बहने लगता है पसीना ग्लोबल वार्मिंग ने इस बार गर्मी में लोगों को हिलाकर रख दिया है. ऐसी गर्मी पड़ रही है कि लोग सिर्फ तपिश पर ही बात करने को मजबूर हैं. पिछले तीन दिनों से हो रही भीषण गर्मी से गलियों की चहल-पहल गायब हो गयी है. लोग घरों के भीतर ही रहने को मजबूर हैं. न तो घर का एसी काम कर रहा है और न ही गाड़ी का. आवश्यक कार्य से बाहर निकलने वाले लोग पसीना पोंछते परेशान हो रहे हैं. इस गर्मी में लोग एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन-तीन बार स्नान कर रहे हैं, बावजूद राहत नहीं मिल रही है. राहत पाने के लिए लोग ठंडे पानी व कोल्डड्रिंक का ही सहारा ले रहे हैं. सरकार की जिद पर खुले हैं स्कूल इस तपिश में भी सरकार व निजी स्कूलों के संचालकों की जिद पर बच्चों को स्कूल जाने की मजबूरी बनी हुई है. अब मॉर्निंग वाक के लिए सुबह तीन बजे ही लोग आसपास के मैदान या पार्क में जाते हैं. उस दौरान भी उमस का प्रकोप रहता है. बुधवार को आसमान से आग बरसती रही. हालत यह रही कि अधिकतर घरों में लोग उमस और गर्मी के कारण सुबह चार बजे से ही सड़क, पार्क और छत पर टहलते नजर आए. इसके बाद सुबह सात बजे तापमान 32 डिग्री पहुंच गया. कामकाज के लिए लोग जब निकले तो प्रचंड गर्मी से उनका सामना हुआ. दोपहर में तापमान बढ़ने से घर भट्ठी की आग की तरह धधकता महसूस हो रहा था.
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