पार्षदों के निलंबन मामले में त्रि-सदस्यीय टीम ने की जांच
पार्षदों के निलंबन मामले में त्रि-सदस्यीय टीम ने की जांच
प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज
एक माह पूर्व नगर परिषद के सामान्य बोर्ड की बैठक में तीन वार्ड पार्षदों के निलंबन मामले को लेकर शनिवार को तीन सदस्यीय टीम उदाकिशुनगंज नगर परिषद कार्यालय पहुंचकर जांच की.जांच टीम डीएम तरणजोत सिंह के निर्देश पर डीडीसी अवधेश कुमार, जिला योजना अधिकारी उमाशंकर कुमार एवं न्यायिक पदाधिकारी संतोष कुमार पहुंचे, तो कार्यपालक पदाधिकारी पुष्कर कुमार पुष्प अवकाश पर रहने के कारण जांच कार्य पूरा नहीं हो सका. डीडीसी ने नप स्वच्छता पदाधिकारी केतन कुमार को निर्देश दिया कि जब नया सीडीआर सीसीटीवी कैमरे में नहीं लगाया जाता है. तब तक नगर परिषद कार्यालय को बंद रखा जाय.
गौरतलब है कि उदाकिशुनगंज नगर परिषद में जहां विकास की गंगा बहनी चाहिये वहां अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों आपसी विवाद से विकास के नाम पर जनता के साथ ठगी किया जा रहा है. शनिवार को जांच में डीडीसी ने बताया कि विगत माह 21 अक्टूबर को नप के सामान्य बोर्ड की बैठक के दौरान हो – हंगामा के कारण तीन वार्ड पार्षद रमण कुमार राणा, अजय मंडल व संजय कुमार पूर्वे को बिना कारण के 60 दिनों के लिए सदन से बाहर कर दिया गया था. जिसका सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर सत्यता का पता चल सकेगा. जब शनिवार को जांच टीम नप कार्यालय उदाकिशुनगंज पहुंचीं तो प्रभार में रह रहे स्वच्छता पदाधिकारी केतन कुमार से जानकारी लेना चाहा तो संतोष प्रद जबाब नहीं मिला.
जांच की बात सुन इओ ने लिया अवकाशजांच टीम द्वारा सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मांग की गयी, तो बताया कि ईओ पुष्कर कुमार पुष्प के अवकाश पर से लौटने के बाद ही उपलब्ध हो पायेगी. इसके बाद जांच टीम नप कार्यालय से लौट गये. जांच टीम के लौटने के बाद कुछ ही देर बाद कार्यालय कर्मी व कुछ जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधिगण ईओ कक्ष से सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को डिलीट करने की सूचना जांच टीम को मिली. वही सूचना पाकर तुरंत जांच टीम उदाकिशुनगंज थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह व अन्य पुलिस पदाधिकारी समेत दर्जनों पुलिस बलों के साथ नगर परिषद कार्यालय पहुंचकर सीसीटीवी कैमरे के सीडीआर और सभी अभिलेख अपने साथ लेकर चले गए.
इस बाबत डीडीसी ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारी या जनप्रतिनिधि किसी भी सूरत में बखसे नहीं जायेंगे. वहीं डीडीसी से बेरियर में अवैध वसूली मामले के बारे में पूछा गया, तो अनभिज्ञता जाहिर किया. इसके साथ ही स्वच्छता कर्मियों को बिना टेंडर के हटाकर विभागीय कर्मियों को बहाल कर कार्य लिया जा रहा है. डीडीसी ने बताया कि यह नियमत: गलत है. बिना टेंडर का किसी भी स्वच्छता कर्मी को कार्य से नहीं हटाया जा सकता है. डीडीसी ने नप स्वच्छता पदाधिकारी केतन कुमार को निर्देश दिया कि जब नया सीडीआर सीसीटीवी कैमरे में नहीं लगाया जाता है, तब तक नगर परिषद कार्यालय को बंद रखने की हिदायत दी .
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