प्रतिनिधि, मधेपुरा
सदर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद स्वीकृत नहीं रहने के कारण यहां अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है. हालांकि अस्पताल में लाखों रुपये की अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित है, लेकिन टेक्नेशियन के अभाव में जरूरतमंद मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है. जरूरतमंद मरीजों को या तो रेफर कर दिया जाता है या फिर बाजार का रास्ता दिखा दिया जाता है. बाजार से अल्ट्रासाउंड कराने पर मरीजों को अधिक पैसे देने पड़ते हैं. आर्थिक रूप से कमजोर मरीज इस जांच को छोड़ आगे बढ़ जाते हैं. सदर अस्पताल में सिर्फ गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच की जाती है. रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में सदर अस्पताल प्रशासन ने दो महिला स्टाफ को प्रशिक्षण देकर सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराया है. लेकिन अन्य जरूरतमंद मरीजों की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन बिल्कुल गंभीर नहीं है. वैसे मरीजों को बाजार में अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ती है. सदर अस्पताल में पदस्थापित महिला चिकित्सक डॉ निशा कुमारी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं का गर्भधारण से लेकर प्रसव पूर्व तक तीन बार अल्ट्रासाउंड कराना अनिवार्य है. यहां खास गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड हो जाता है, जबकि अन्य को बाजार का ही रास्ता दिखाया जाता है. सदर अस्पताल प्रबंधक पीयूष कुमार ने बताया कि अस्पताल में अभी सिर्फ प्रेग्नेंट महिलाओं का अल्ट्रासाउंड होता है. रेडियोलॉजिस्ट का पद रिक्त रहने के कारण अभी सामान्य मरीज को अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है. विभाग को पत्र के माध्यम से जानकारी दी गयी है.
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