बैंगा नदी में चचरी पुल बनाकर हजारों लोग करते हैं आवाजाही
ग्रामीण नाॅव की व्यवस्था कर जान जोखिम डाल आवागमन करते हैं. लोगों का कहना है कि इससे पूर्व चचरी एवं नाव से नदी पार करने के क्रम में डूबने से मौत हुई है.
प्रतिनिधि, मुरलीगंज, मधेपुरा.
मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत रघुनाथपुर पंचायत के रतनपट्टी वार्ड तीन-चार अंतर्गत बैंगा नदी में चचरी पुल बनाकर आवागमन करने का दंश झेल रहे हैं. स्थानीय ग्रामीण प्रति वर्ष सैकड़ों बांस से चचरी पुल बनाते हैं. जिससे आवागमन सुलभ होता है. खासकर बरसात के मौसम में दोनों तरफ के ग्रामीणों को आवाजाही में काफी परेशानी उत्पन्न हो जाती है. नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि होने पर लोगों के लिए चचरी पुल भी बेकार साबित हो जाता है. स्थानीय सहयोग से ग्रामीण नाॅव की व्यवस्था कर जान जोखिम डाल आवागमन करते हैं. लोगों का कहना है कि इससे पूर्व चचरी एवं नाव से नदी पार करने के क्रम में डूबने से मौत हुई है.
स्थानीय ग्रामीण नुनुलाल ऋषिदेव, जीतन ऋषिदेव, विधन ऋषिदेव, विष्णुदेव मंडल, तारिणी मंडल, अरुण मैंज, अनिल कुमार दास, चंदन मंडल ने कहा कि अभी नदी का जलस्तर कम है. इससे चचरी पुल बनाकर आवागमन करते हैं. नदी में जलवृद्धि होने पर चचरी पुल और नाव भी काम नहीं आते हैं. नदी के इस पार से उस पार अनाज लाने ले जाने में लंबी दूरी तय करना पड़ता है. लोगों ने रतनपट्टी मुशहरी घाट पर पुल निर्माण की मांग किया है. दर्जनों बार जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत की गयी है. लेकिन सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. सभी कहते है जल्द निर्माण करवाया जायेगा, लेकिन आज तक यहां छोटे आकार के पुल का भी आवागमन के लिए उपलब्ध नहीं हो पाया है. इस बाबत बीडीओ आशा कुमारी ने कहा ग्रामीण द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर संबंधित विभाग को सूचित किया जायेगा.