दुआ-ए-खैर के साथ तीन दिवसीय इज्तिमा का हुआ समापन, उमड़ा जनसैलाब

दुआ-ए-खैर के साथ तीन दिवसीय इज्तिमा का समापन

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2024 8:17 PM

फोटो-मधेपुरा 54- दुआ में शामिल लोग. फोटो-मधेपुरा 55- दुआ के बाद लौटते जमातियों का जनसैलाब. इज्तिमा में अंतिम दिन हजारों लोग जुटे, मौलाना साहब ने दुआ की बतायी अहमियत प्रतिनिधि,उदाकिशुनगंज ऐ अल्लाह हम गुनहगार हैं, खतावार हैं, बदकार हैं… तेरे हुक्म से गाफिल हैं, लेकिन जो हैं, जैसे हैं तेरे बंदे हैं… ऐ अल्लाह, तू रहीम है, हम पर रहम कर दे… तू करीम है, हम पर करम कर दे. हमारे गुनाहों का बोझ बहुत है, लेकिन तू गुनाहों को माफ करने वाला है, अपने बंदों पर रहम करने वाला है… हमें भी माफ कर दे…ऐ अल्लाह, सारी दुनिया को इल्म के नूर से रोशन कर दे…ऐ अल्लाह सारी कायनात में अमन, सुकून, भाईचारे की हवाएं चला दे… ऐ अल्लाह इस सूबे, मुल्क को कामयाबी, तरक्की की बुलंदियों से मालामाल कर दे…ऐ अल्लाह दुनिया के हर इंसान को सच्चाई, ईमानदारी और हक पर चलने की आसानी फरमा दे… उक्त बातें रविवार को उदाकिशुनगंज अनुमंडल के खोकसी ईदगाह परिसर में आयोजित तीन दिवसीय इज्तिमा के अंतिम दिन सामूहिक दुआ के साथ संपन्न हुआ. अंतिम दिन समापन कार्यक्रम की सामूहिक दुआ में पहुंचने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए. अंतिम दिन हजारों लोगों के मजमे की शिरकत के बीच मौलाना साहब ने जब इज्तिमागाह में यह दुआ करवाई तो हर तरफ से उठने वाली आमीन की आवाज ने माहौल को रुहानियत से भर दिया. आलमी तब्लीगी इज्तिमा के आखिरी दिन रविवार को सुबह करीब 10 बजे तक बयान चलता रहा. इस दौरान तब्लीग के छह बिंदुओं को तफ्सील से समझाते हुए उन्होंने रवाना होने वाली जमातों को तालीम दी. इस दौरान उन्होंने दुआ को अल्लाह और बंदे के बीच स्थापित होने वाला सीधा कनेक्शन करार दिया. दुआ से पहले हुआ बयान दुआ-ए-खास से पहले मजमे को खिताब करते हुए मौलाना साहब ने कहा कि तब्लीग का काम हमारे आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्ल के पसंदीदा कामों में से एक है. उन्होंने दीन की खातिर बेहद तकलीफ और परेशानियां उठाई हैं. उन्होंने कहा कि आज इंसान ने अपनी जरूरत को दुनिया के आसपास सीमित कर लिया है. जबकि अपनी असल जिंदगी आखिरत के लिए तैयारी करने की उसे फिक्र नहीं है. आखिरी दिन इज्तिमा में शामिल होने के लिए जन-सैलाब उमड़ पड़ा. इससे खोकसी गांव की सड़कों पर घंटों तक वाहन रेंगते रहे. इज्तिमा स्थल पर दुआ में शामिल होने के लिए सुबह सात बजे से लोगों का आना शुरू हो गया था.

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