गोपाष्टमी महोत्सव के तीसरे दिन स्थानीय कलाकार के जबरदस्त प्रदर्शन

देर रात पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम किया गया

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2024 8:00 PM

मधेपुरा.

गोपाष्टमी महोत्सव के तीसरे दिन स्थानीय कलाकार के जबरदस्त प्रदर्शन से श्रोता मंत्र मुग्ध हो उठे. कार्यक्रम के आखिरी दौर में कभी राम बनके कभी श्याम बनके फेम तृप्ति शाक्य ने जमकर झुमाया. देर रात पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम किया गया.

शिवाली आरती एवं भवेश का गायन एवं अंशिका आनंद अमरजीत कुमार के नृत्य की हुई प्रशंसा

स्थानीय कलाकारों में शिवाली भावेश कुमार आरती आनंद आलोक राज नारायण कुमार ने जबरदस्त गायकी से समां बांध दिया. जबकि नृत्य शाला डांस एकेडमी के अमरजीत कुमार और अंशिका आनंद ने अपने अलग-अलग नृत्य की प्रस्तुति दी.

रोशन के भजन एवं गजल गायकी की हुई जमकर चर्चा

जाने-माने कलाकार संगीत शिक्षक रोशन कुमार ने कृष्ण भजन एवं गजल का शानदार प्रदर्शन किया. संगीत सरिता में शाम मदहोश रही. बहुमुखी प्रतिभा की शशि प्रभा जायसवाल द्वारा उद्घोषणा की जिम्मेदारी संभालने के साथ-साथ गायन का भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया.

तृप्ति शाक्या के भजन एवं गीत रहे लोगों के जुबान पर

ख्याति प्राप्त कलाकार तृप्ति शाक्य ने कभी राम बनके कभी श्याम बनके आना सुन कर जबरदस्त तालियां बटोरी. उनके द्वारा कई अन्य गीतों का भी प्रदर्शन किया गया.

देर रात तक कार्यक्रम में कलाकारों ने लोगों को अपनी ओर किया आकर्षित

गोपाष्टमी महोत्सव के दूसरे दिन स्थानीय कलाकारों ने समां बांध दिया. महोत्सव में प्रांगण रंगमंच की नृत्य ने शुरुआती दौर में ही दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया. इसके बाद संकल्प मैत्री फाउंडेशन के कृष्ण कुमार व साथी के समूह गीत, मासूम भारती, श्रवण कुमार के गायन ने वाहवाही लूटी. स्थानीय कलाकारों में सृजन दर्पण के विकास कुमार, स्वर शोभिता की अवनी और वेदिका की नृत्य की प्रस्तुति से लोग गदगद हुए. कमल किशोर, कीर्ति सिंह, अनिल कुमार पंकज, डॉ. हेमा कश्यप की गायन ने खूब तालियां बटोरी. बीके पब्लिक स्कूल की कशिश कुमारी और रमन कुमार ने मैया यशोदा की यादगार प्रस्तुति दी. मंच संचालन पृथ्वी राज यदुवंशी, संगीत शिक्षिका शशि प्रभा जायसवाल एवं समीक्षा यदुवंशी कर रहे थे. वहीं ख्याति प्राप्त कलाकारों में राहुल रजक ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी. वहीं मगध संगीत संस्थान, पटना के कलाकारों द्वारा मुखौटा नृत्य, लौंडा नाच एवं बिहार के पारम्परिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई. मौके पर डीआरडीए निदेशक एचएन पुरुषोत्तम त्रिवेदी, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी आम्रपाली, मो शौकत अली आदि ने संयुक्त रूप से कलाकारों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version