जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ महेंद्र को दी श्रद्धांजलि
जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ महेंद्र को दी श्रद्धांजलि
प्रतिनिधि, मधेपुरा
साहित्यकार व जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ महेंद्र नारायण पंकज ने साहित्य को विशिष्ट पहचान दिलायी है. 13 राज्यों व तीन निकटवर्ती देशों- नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में जनवादी साहित्य का ध्वजारोहण व विस्तार करना डॉ पंकज जैसे समर्पित साहित्यकार से ही संभव हो पाया है. लाजिमी है, साहित्य के वैसे मर्मज्ञ डॉ महेंद्र नारायण पंकज के लिए कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन संस्थान द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाना. उक्त बातें कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष व पूर्व प्रति कुलपति डॉ कौशल किशोर मंडल ने श्रद्धांजलि सभा में कही.
सम्मेलन के सचिव डॉ भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि बहुजन साहित्य के लिए महेंद्र नारायण पंकज सदैव त्याग और प्रेरणा के बीज बने रहेंगे. वैसी शख्सियत थे डॉ पंकज जो दिल की देहरी पर उजाले का दीया जलाते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया. वे सदा सम्मान, कर्तव्य, त्याग और प्रेरणा के दीपक बनकर साहित्य जगत को प्रकाशित करते रहेंगे.
जन लेखक संघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ गजेंद्र कुमार व फर्जी कवि डॉ अरुण कुमार ने कहा कि डॉ महेंद्र नारायण पंकज साहित्य सेवा में अहर्निश लगे रहते और मन प्रसन्न रखा करते ताकि सारा कष्ट उनसे दूर रहता, लेकिन डॉ पंकज निरंतर यही कहा करते कि भ्रम में जीने वाले लोग प्राय: यही सोचने में समय गुजार देते हैं कि सारे दुख दूर हो जाने के बाद मन प्रसन्न होगा, जो संभव नहीं है. इस श्रद्धांजलि सभा में कोसी के शिक्षक, कवि, साहित्यकार व गणमान्यों ने राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत शिक्षक व समाजसेवी डॉ महेंद्र नारायण पंकज की विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने और आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ अपनी-अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनमें प्रमुख हैं- बीएनएमयू के पूर्व परिसंपदा पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार, विदुषी डॉ शांति यादव, अखिलेन्द्र कुमार अनिल शैलेंद्र पोद्दार भतनी, डॉ सीताराम शर्मा, कामरेड कामेश्वर राय, निखिल कुमार, सुभाष चंद्र प्रभाकर, दीपक कुमार, सेवानिवृत प्राचार्य डॉ सुरेश कुमार भूषण, सुकवि डॉप्रमोद कुमार सूरज,डॉ अरुण कुमार साह, डॉभूपेन्द्र कुमार भूप, रंगकर्मी विकास कुमार आदि मौजूद थे. मंच संचालन किया राष्ट्रीय युवा वक्ता हर्षवर्धन सिंह राठौड़ ने और धन्यवाद ज्ञापित डॉ श्यामल कुमार सुमित्र ने किया अंत में डॉ पंकज की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है