मजबूती से आंदोलन करने पर वित्तरहित कर्मियों को मिलेगा वेतनमान का लाभ

मजबूती से आंदोलन करने पर वित्तरहित कर्मियों को मिलेगा वेतनमान का लाभ

By Prabhat Khabar News Desk | October 16, 2024 9:27 PM
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प्रतिनिधि, मधेपुरा भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत अनुदानित डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने बुधवार को बैठक में सर्वसम्मति से अनुदान के बदले वेतनमान की मांग को लेकर महाविद्यालयों में वर्गकक्ष बहिष्कार का निर्णय लिया. बैठक में आंदोलन की रणनीति भी तय कर ली गयी है. जिला मुख्यालय के गौशाला परिसर स्थित श्री कृष्ण मंदिर में आयोजित बैठक में विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न अनुदानित डिग्री महाविद्यालय के शिक्षक उपस्थित होकर विचार व्यक्त किये. बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के अध्यक्ष प्रो मनोज भटनागर ने की. बैठक में मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा, आदर्श कॉलेज घैलाढ मधेपुरा, बनवारी शंकर कॉलेज सिमराहा सहरसा, केएनडी कॉलेज राघोपूर, आरपीएम कॉलेज तुनियाही मधेपुरा, डिग्री कॉलेज सुपौल, एलएनसी कॉलेज बनगांव सहरसा, एएलवाई कॉलेज त्रिवेणीगंज सुपौल, सीएम साईंस कॉलेज मधेपुरा व एसएकेएनडी कॉलेज पथराहा मधेपुरा के शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज कराकर आंदोलन की रूप रेखा तय की. बैठक में आदर्श कॉलेज घैलाढ मधेपुरा के वरीय शिक्षक प्रो बिजेंद्र नारायण यादव ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आंदोलन करने के बाद ही राज्य सरकार द्वारा महाविद्यालयों को छात्र उत्तीर्णता के आधार पर अनुदान देने की शुरूआत की गयी. ऐसे में मजबूती से आंदोलन करने पर वित्तरहित कर्मियों को वेतनमान का लाभ भी अवश्य ही मिलेगा. कुशल रणनीति के तहत आंदोलन करने की जरूरत है. डिग्री कॉलेज सुपौल के वरीय शिक्षक डा सुलेंद्र कुमार ने कहा कि अनुदानित महाविद्यालयों, विश्वविद्यालय व राज्य सरकार की हरकत देख अब वर्गकक्ष बहिष्कार करने के अलावा हम शिक्षकों के पास कोई और उपाय नहीं रह गया है. इस संबंध में कुलपति, कुलाधिपति, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को मांग पत्र भेजकर पहले आगाह कर देना जरूरी है. जबकि न्यायालय में अर्जी लगाना भी आवश्यक है. छठ पर्व के बाद वर्गकक्ष बहिष्कार आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा. बैठक में प्रो सुजीत मेहता, प्रो सच्चिदानंद सचिव, प्रो विनय कुमार झा, प्रो गीता यादव, प्रो निरोध निराला, प्रो अरूण कुमार, प्रो विनय कुमार, प्रो दिनेश प्रसाद, प्रो आभा रानी, प्रो लुसी कुमारी, प्रो देवेंद्र कुमार, प्रो ब्रजेश मंडल, प्रो मनोज कुमार झा, प्रो प्रमोद कुमार व प्रो सूर्य नारायण यादव समेत अन्य ने भी अपने अपने विचार रखे. बैठक में राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों को आंतरिक श्रोत की राशि का 70 प्रतिशत राशि शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन मद में खर्च करने की स्पष्ट हिदायत देने के बाद भी विभिन्न महाविद्यालय द्वारा सरकारी आदेश की अब तक अवहेलना करने पर जमकर नाराजगी व्यक्त की गयी और कहा गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी अनुदानित डिग्री महाविद्यालय के प्रबंधकों के साथ बैठक आयोजित कर आंतरिक श्रोत मद की राशि का वितरण सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के बीच करने की पहल करनी चाहिये. जबकि राज्य सरकार से देय अनुदान मद की राशि का भुगतान समान रूप से सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के खाता में देने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिये. साथ ही कहा गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन विभिन्न महाविद्यालय के लिए अपने स्तर से विश्वविद्यालय प्रतिनिधि को प्रतिनियुक्त तो करते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रतिनिधि भी इमानदारी से काम नहीं करते हैं. ऐसे में अब उनकी भी खोज खबर ली जायेगी. बैठक में विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न परीक्षा से संबंधित मूल्यांकन मद की राशि का भुगतान करने पर भी जोर दिया गया.

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