उदाकिशुनगंज. आलमनगर विधानसभा के विधायक सह बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव बुधवार को नई दिल्ली में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर ज्ञापन सौंप. उन्होंने बिहारीगंज से उदाकिशुनगंज, पुरैनी, चौसा, नवगछिया तक, बिहारीगंज से उदाकिशुनगंज, आलमनगर, सिमरी बख्तियारपुर तक बड़ी रेल लाइन बिछाने सहित बिहारीगंज से बनमनखी, मुरलीगंज, मधेपुरा, सहरसा, मानसी़, खगड़िया, बेगूसराय, बरौनी, मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर होते हुए पटना जंक्शन तक इंटरसिटी ट्रेन चलाने की मांग की. विस उपाध्यक्ष ने बताया कि यह प्रस्ताव उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बड़ी आबादी को पटना जाने के लिए यहां से लगभग 90 किलोमीटर दूर सहरसा जाना पड़ता है एवं वहां से ट्रेन बदलकर पटना तक की यात्रा करनी पड़ती है. रेलमंत्री से लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को प्राथमिकता के आधार पर लेने का आग्रह करते हुए विधायक ने कहा कि उदाकिशुनगंज अनुमंडल में नई रेल पटरियां बिछाने से अन्य प्रदेश से सीधा रेल संपर्क स्थापित होगा. …………………………………………………………………………………………………………………………… दशकों पुरानी योजनाएं घोषणा के बावजूद लटकी है अधर में उदाकिशुनगंज. उदाकिशुनगंज अनुमंडल में बिहारीगंज को छोड़कर अन्य किसी भी प्रखंड क्षेत्र में रेल संपर्क नहीं है. चौसा, पुरैनी, आलमनगर सहित अन्य ग्रामीण इलाकों से यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए सड़क मार्ग से 30 से 50 किलोमीटर दूर मधेपुरा या नवगछिया जाते हैं. अनुमंडल के लोगों की यह मांग पिछले कई दशकों से जारी है. अनुमंडल को रेल लाइन से जोड़ने की मांग पहली बार तब उठी थी, जब ललित नारायण मिश्र देश के रेलमंत्री थे. उनके निर्देश पर नई रेल लाइन में बिहारीगंज से नवगछिया वाया उदाकिशुनगंज, पुरैनी, चौसा, बिहारीगंज से कोपरिया वाया उदाकिशुनगंज, आलमनगर, बिहारीगंज से कुर्सेला, बिहारीगंज से सहरसा वाया ग्वालपाड़ा, बिहारीगंज से छातापुर वाया मुरलीगंज, बिहारीगंज से सिमरी बख्तियारपुर तक रेललाइन विस्तार प्रस्तावित किया गया था. इसके लिए सर्वेक्षण का काम भी पूरा करा लिया गया था. बाद में उनके मंत्रिमंडल से हट जाने के कारण योजना खटाई में पड़ गयी. बाद में रेलमंत्री नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, लालू यादव ने भी इस इलाके को रेललाइन से जोड़ने की घोषणा की. उनके निर्देश पर एक सप्ताह बाद ही लाइन बिछाने व स्टेशनों के निर्माण आदि के बारे में सर्वे का काम शुरू हो गया, लेकिन कुछ दिनों बाद ही रेलवे लाइन का मामला ठंडा पड़ गया. तब से आज तक कई बार मांग की गयी, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई. यदि उदाकिशुनगंज अनुमंडल को रेलवे लाइन से जोड़ दिया जाय, तो लोगों को आवागमन की एक बेहतर सुविधा मिलेगी और क्षेत्र का चतुर्दिक विकास हो सकेगा.
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