मधेपुरा. मधेपुरा से सिंहेश्वर के बीच के तीन किमी शिक्षण संस्थानों से भरा है. विश्वविद्यालय मुख्य परिसर सहित कॉलेज, स्कूल और कई कोचिंग है. वहीं कई लॉज भी है. विद्यार्थी साइकिल से आवागमन करते हैं. एनएच 106 से होकर भी आना जाना पड़ता है. फ्लैंक नहीं होने के कारण साइकिल सवार छात्र-छात्रा किनारे में चलने के कारण अक्सर गिर जाता है. ऐसे में पीछे से आने वाले वाहन के चालकों के हाथ में उनकी जिंदगी होती है. यह स्थिति करीब एक दशक है. कई छात्रों ने कहा कि प्रशासन द्वारा अगर इस दिशा में जल्दी ही कुछ नहीं किया गया, तो परेशानी हो सकती है. जबकि इस व्यस्ततम सड़क पर साइकिल के लिए एक अलग लेन की आवश्यकता है. पूर्व में हो चुकी है घटना शहर के बस स्टैंड से सिंहेश्वर की ओर निकलते ही सड़क के दोनों ओर ऐसे बहुत प्वाइंट हैं, जहां सड़क के किनारे ज्यादा गड्ढा है. इन पर कभी भी दुर्घटनाएं हो सकती है. गौरतलब है कि शहर के टीपी काॅलेज के पास एक सड़क हादसे में स्नातक की छात्रा खुशबू कुमारी की मौत ट्रक के पहिये के नीचे आने से हो गयी थी. खुशबू साइकिल से कॉलेज जा रही थी. इसी दौरान घटना हुई थी. छात्रों के लिए मौत का सफर शहर के बस स्टैंड से सिंहेश्वर की ओर निकलते ही सड़क के दोनों ओर ऐसे कई प्वाइंट हैं, जहां सड़क के किनारे एकाएक जमीन नीची है. बस स्टैंड के बाद दायीं ओर काफी नीची जमीन है. वहीं कॉलेज चौक गोलंबर के पास खतरनाक प्वाइंट हैं. इस सड़क पर रोजाना सैकड़ों छात्र साइकिल से निकलते हैं. वहीं इस सड़क पर छोटी से लेकर बड़ी-बड़ी गाड़ियां काफी संख्या में और तेज रफ्तार से गुजरती हैं. ऐसे में अगर ये छात्र रोज मौत के मुंह से निकलते हैं. ये प्वाइंट हैं खतरनाक एनएच 106 पर शहरी क्षेत्र में कई ऐसे खतरनाक प्वाइंट हैं, जहां हादसे इंतजार किया करते हैं. इनमें पुराने बस स्टैंड से पुल पार करने के बाद, कॉलेज चौक गोलंबर के पास विश्वविद्यालय से लेकर मेडिकल कॉलेज समेत कई ऐसे प्वाइंट हैं जो खतरनाक हैं. इन जगहों पर रोज साइड होने के चक्कर में लोग फिसल जाया करते हैं. अगर नगर परिषद क्षेत्र से गुजरने वाली एनएच पर फ्लैंक का निर्माण कराया जाना जरूरी है.
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