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रुकिए, थोड़ी देर में आते हैं और कॉल करने के 10 मिनट बाद पहुंचे कार्यालय सहायक

रुकिए, थोड़ी देर में आते हैं और कॉल करने के 10 मिनट बाद पहुंचे कार्यालय सहायक

प्रतिनिधि, मधेपुरा भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में चेहरा देखकर पद देने की प्रथा का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है. वहीं राजभवन व राज्य सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए एक शिक्षक को कई पद देने के कारण भी छात्र परेशान होते हैं. शनिवार को जब प्रभात खबर ने विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के पड़ताल की तो देखा गया कि दो बजे विभाग के गेट पर ताला लगा हुआ है और विभाग के गेट पर एक कागज पर विभाग का नाम लिखा हुआ है, उसकी भी हालत खराब थी. साथ ही विभाग के कार्यालय के गेट पर दो विभागाध्यक्ष का नाम लिखा हुआ है. पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो डा अशोक कुमार सिंह के नाम का बोर्ड लगा हुआ है और वर्तमान विभागाध्यक्ष प्रो सीपी सिंह के नाम की एक रफ पेपर में हाथों से लिखकर पर्ची चिपकाई हुई है. पांच दिनों में नहीं मिला बोर्ड बदलने का फुर्सत मालूम हो कि विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो अशोक कुमार सिंह को 19 नवंबर यानी पांच दिन पूर्व ही बीएनएमयू कुलपति प्रो विपिन कुमार राय ने पत्र जारी कर विभागाध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया गया था और प्रो सीपी सिंह को नया विभागाध्यक्ष बनाया गया था. इन पांच दिनों में न तो बीएनएमयू प्रशासन को और न ही विभाग को इतनी फुर्सत मिली कि पुराने विभागाध्यक्ष का बोर्ड बदल कर नये विभागाध्यक्ष का बोर्ड लगाया जा सके. दो विभागाध्यक्ष का नाम गेट पर लिखने से छात्र परेशान हो चुके हैं. उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर विभाग के विभागाध्यक्ष कौन हैं. नामांकन लेने के लिए करना पड़ेगा कॉल विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के कार्यालय में ताला लगे रहने के बाद ध्यान गया कि कार्यालय के दरवाजे पर एक पर्ची चिपका दी गयी है, जिस पर विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग का नाम लिखा हुआ है और लिखा हुआ है कि नामांकन के लिए आए हुए छात्र-छात्राएं विभागाध्यक्ष प्रो चंद्र प्रकाश सिंह के नंबर 8521216634 व कार्यालय सहायक मिंटू कुमार के मोबाइल नंबर 6299671567 पर संपर्क करें. यानी छात्र-छात्राओं को विभाग में नामांकन के लिए कॉल करना पड़ेगा. प्राचीन इतिहास की जानकारी के लिए जाना होगा इतिहास विभाग विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के कार्यालय में ताला लगे रहने के कारण लगभग 10 मिनट बाद जब कार्यालय के दरवाजे पर से मिले कार्यालय सहायक मिंटू कुमार को 02:09 बजे कॉल किया गया तो उन्होंने कहा कि रुकिए, थोड़ी देर में आते हैं. इसके 10 मिनट बाद 02:18 बजे कार्यालय सहायक ने खुद से कॉल करके नीचे बुलाया और बात करनी शुरू कर दी. बात करने के दौरान जब उनसे जानकारी मांगी गयी, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया और कहा कि सारी जानकारी आपको विभागाध्यक्ष देंगे, जो विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के कार्यालय में मिलेंगे. हम नामांकन लेने के बाद सारा कागजात वहीं पहुंचा देते हैं. बीएनएमयू में बरकरार है एक शिक्षक को कई पद देने की प्रथा मालूम हो कि चेहरा देखकर तथा एक शिक्षक को कई पद देने की प्रथा को लेकर बीते 18 नवंबर से लेकर 22 नवंबर यानी लगातार पांच तक प्रभात खबर द्वारा प्रमुखता से खबर चलाया गया इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रशासनिक व शैक्षणिक दृष्टिकोण का हवाला देकर मामले में कार्रवाई करते हुए सर्वनारायण सिंह रामकुमार सिंह महाविद्यालय सहरसा के प्राचार्य प्रो अशोक कुमार सिंह को विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया और विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सीपी सिंह को विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग का विभागाध्यक्ष बना दिया. हालांकि प्रो सीपी सिंह को विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष के साथ-साथ विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष व शिक्षाशास्त्र विभाग के इंचार्ज भी हैं. इस तरह से फिर से कार्रवाई के नाम पर एक शिक्षक को कई पद देने की प्रथा बरकरार रही.

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