जहां विज्ञान हो जाता है असफल, वहां योग एवं आयुर्वेद होता है कारगर साबित : कुलपति
भारत सरकार के ही प्रस्ताव पर वर्ष 2015 से वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरूआत हुई है
मधेपुरा. ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के तत्वावधान में मंगलवार को अंतर महाविद्यालय योग प्रतियोगिता पुरुष-महिला-2024 का आयोजन किया गया. इसमें उद्घाटनकर्ता-सह-मुख्य अतिथि के रूप में बीएनएमयू कुलपति प्रो डा विमलेंदु शेखर झा की उपस्थिति रही. कुलपति ने कहा कि योग भारतीय दर्शन, संस्कृति एवं परंपरा में आदिकाल से शामिल है. हजारों वर्ष पूर्व भी भारत में योग की विभिन्न पद्धतियों का उल्लेख मिलता है. कुलपति ने कहा कि योग एक विशिष्ट विज्ञान है. कई बार जहां हमारा आधुनिक विज्ञान असफल हो जाता है, वहां भी हमारा योग एवं आयुर्वेद कारगर साबित होता है. हम योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से हम दीर्घकाल तक निरोगी जीवन जी सकते हैं और भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति के शिखर तक पहुंच सकते हैं. -विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार योग को किया गया है खेल कैलेंडर में शामिल- कुलपति ने कहा कि योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए भारत सरकार एवं विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी भूमिका निभाई है. भारत सरकार के ही प्रस्ताव पर वर्ष 2015 से वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरूआत हुई है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के निदेशानुसार राजभवन में योग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार योग को खेल कैलेंडर में शामिल किया गया है. इसके इसके अलावा विश्वविद्यालय स्तर पर भी प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता रहा है. -खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए किये जा रहे हैं हरसंभव प्रयास- बीएनएमयू कुलसचिव प्रो डा विपीन कुमार राय ने कहा कि योग विश्व को भारतीय संस्कृति की बहुमूल्य देन है. आज पूरी दुनिया योग की ओर आकर्षित है. क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक परिषद के निदेशक डा मो अबुल फजल तथा संयुक्त सचिव डा जैनेंद्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. इस वर्ष अधिक से अधिक टीमों को अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में शिरकत करने के लिए भेजा जा रहा है, ताकि उन्हें बड़ी प्रतियोगिता में खेलने का अनुभव हो सके. -चुनौतियों के बावजूद महाविद्यालय में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ आयोजन- कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि इस बार आयोजन में कई चुनौतियां थी. इसके बावजूद महाविद्यालय में सफलतापूर्वक आयोजन संपन्न हुआ. कार्यक्रम में मैथिली विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा अमोल राय, पूर्व कुलानुशासक डा बीएन विवेका, रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डा रतनदीप आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर हिंदी विभागाध्यक्ष डा वीणा कुमारी, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डा मनोज कुमार, मिथिलेश कुमार, डा मनोज कुमार ठाकुर, डा शहरयार अहमद, पूर्व विश्वविद्यालय कोच डा रामकृष्ण यादव, पीटीआई नंदन कुमार भारती, लेखापाल डा अशोक कुमार अकेला, प्रयोगशाला प्रभारी अर्जुन साह, कम्प्यूटर आपरेटर मणीष कुमार, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान समेत अन्य उपस्थित थे. -महिला वर्ग में प्रीतम कुमारी एवं पुरूष वर्ग में कर्ण सिंह प्रथम- प्रतियोगिता के महिला वर्ग में आरजेएस कॉलेज सहरसा की छात्रा प्रीतम कुमारी प्रथम, एमएलटी कॉलेज सहरसा की छात्रा अन्नु कुमारी द्वितीय एवं एमएलटी कॉलेज सहरसा की छात्रा छोटी रानी तृतीय स्थान पर रही. पुरूष वर्ग में एमएलटी कॉलेज सहरसा के छात्र कर्ण सिंह प्रथम, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के छात्र आदित्य रमण द्वितीय तथा भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय साहूगढ़ मधेपुरा के छात्र अभिषेक कुमार तृतीय स्थान पर रहे. निर्णायक की भूमिका गणित विभागाध्यक्ष ले गुड्डू कुमार, मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के अमरेंद्र कुमार अमर तथा पीटीआई राकेश कुमार ने निभाई. कार्यक्रम का संचालन दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डा सुधांशु शेखर व धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने किया. बीएड विभाग की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अंत में पतंजलि योग समिति के अध्यक्ष राकेश कुमार भारती के नेतृत्व में सामूहिक शांति पाठ किया गया. राष्ट्रगान जन-गण-मन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.
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