मधेपुरा. भारतीय संस्कृति में आत्महत्या को सबसे बड़ा पाप माना गया है, लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध, दिन ब दिन बढ़ती प्रतियोगिता, लव, सेक्स और धोखा के साथ-साथ समाज और परिवार की अपेक्षाओं पर खरा न उतरने का मलाल युवाओं में गहरी निराशा की वजह बनता जा रहा है. कई बार तो उस निराशा के भंवर ने निकलने की राह मिल जाती है, लेकिन कभी-कभी मुश्किल हालात के आगे वो पस्त हो जाता है और आत्मघाती कदम उठा लेता है. मधेपुरा में सामने आये कई मामले साल दर साल बढ़ते आत्महत्या के मामले हमारी जीवन शैली और सोच पर बड़े प्रश्नचिह्न खड़े कर दिये है, जो आंकड़े सामने आये हैं वो बता रहे हैं कि गांव से लेकर शहर में युवा अधिक सुसाइड कर रहे हैं. बिहार जैसे राज्य में पारिवारिक और सामाजिक दायित्व के बोझ के तले युवा गलत निर्णय ले रहे हैं. केस स्टडी एक तीन दिसंबर को गम्हरिया थाना क्षेत्र के बभनी पंचायत के वार्ड नंबर नौ में एक किराए के मकान में रह रहे बीपीएससी शिक्षक प्रवीण कुमार ने आत्महत्या कर ली. पुलिस आत्महत्या के कारण का पता लगाने में जुट गयी है. लोग आत्महत्या का कारण प्रेम-प्रसंग बता रहे हैं. मृतक प्रवीण कुमार पिता मंगल मंडल भागलपुर जिला के पीरपैंती बाजार का निवासी था. प्रवीण शिक्षक वर्ष 2024 के फरवरी महीने में प्लस टू पारसमणी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बभनी में अंग्रेजी विषय के सहायक शिक्षक के रूप में योगदान दिये थे. वही लोगों ने बताया कि शिक्षक का एक लड़की से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. सोमवार की रात्रि उनकी शादी हो गयी. केस स्टडी दो 26 सितंबर को औराही एकपडहा पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय टोका की सहायक शिक्षिका आदिति सिंह चौहान ने पंखे से दुपट्टा का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. वह उत्तरप्रदेश के अध्योध्या जिलांतर्गत अबु सराय देहात थाना के शिवनगर कालोनी की रहने वाली थीं. कमरे में ही उनका शव पंखे से लटका मिला, जब शिक्षिका दरवाजा नहीं खोल रही थी, तो खिड़की से गृहस्वामी ने देखा कि वह पंखे से लटकी हुई है. इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना पुलिस व स्वजन को दी. स्वजन के पहुंचने के बाद दरवाजा खोला गया. घटना के कारण का पता नहीं चल सका. केस स्टडी तीन 27 अगस्त को मधेपुरा में भूमि सर्वेयर अमीन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक की पहचान खगड़िया जिले के गोगरी थाना क्षेत्र अंतर्गत सिरनियां वार्ड नंबर चार निवासी सुमित मिश्रा (29) के रूप में हुुई थी. घटना श्रीनगर थाना क्षेत्र के रामनगर महेश पंचायत के वार्ड 10 की है, जहां वह किराए के मकान में रहते थे. वह कुमारखंड अंचल में रामनगर महेश मौजा के सर्वेयर अमीन के रूप में प्रतिनियुक्त थे. लोगों ने बताया कि पत्नी से अनबन में सुमित ने आत्महत्या कर ली थी. कहते हैं समाजशास्त्री समाजशास्त्री डॉ गणेश प्रसाद ने कहा कि युवा वर्ग युवावस्था का संक्रमण काल है, जिसमें युवाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खासतौर से कॅरियर, जॉब, रिश्ते, खुद की इच्छाएं, व्यक्तिगत समस्याएं जैसे लव अफेयर, मैरिज, सैटलमेंट, भविष्य की पढ़ाई आदि. जब वह इस अवस्था में आता है, तो बेरोजगारी का शिकार हो जाता है और भविष्य के प्रति अनिश्चितता बढ़ जाती है. अपरिपक्वता के कारण कई बार परेशानियां आती हैं, लेकिन नौकरीपेशा लोगों के आत्महत्या में में प्रेम-प्रसंग ही मुख्य वजह है.
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