बिहार: मधुबनी-सुपौल नेशनल हाइवे की मरम्मत होगी शुरू, बड़े पैमाने पर ग्रामीण सड़कों का भी होगा निर्माण

बिहार में छूटे हुए 10942 बसावटों को कनेक्टिविटी देने के लिए 13962 किमी लंबी ग्रामीण सड़क बनेगी. अब तक 1.18 लाख 348 बसावटों को ग्रामीण सड़कों की कनेक्टिविटी दी गयी है. इसके लिए एक लाख 15 हजार 203 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है. मधुबनी-सुपौल नेशनल हाइवे की मरम्मत भी शुरू होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 15, 2024 9:50 PM

बिहार के सभी 38 जिलों में छूटे हुए 10,942 बसावटों को सड़क कनेक्टिविटी देने के लिए कुल 13,962.83 किमी लंबाई में सड़कों का निर्माण 2025 के अंत तक पूरा होने की संभावना है. इसमें 100 या इससे अधिक आबादी के छूटे हुए 7209 बसावट और 250 या उससे अधिक आबादी के छूटे हुए करीब 3733 बसावट शामिल हैं. इन सभी बसावटों को बारहमासी एकल संपर्कता दी जायेगी. ग्रामीण कार्य विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. वहीं एनएच 527ए मधुबनी से सुपौल सड़क बेहतर बनेगी. इसकी इसकी मंजूरी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दे दी है. टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है.

ग्रामीण सड़कें बनेंगी..

सूत्रों के अनुसार 100 या इससे अधिक आबादी के छूटे हुए 7209 बसावटों को सड़कों की कनेक्टिविटी देने के लिए 8283 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़क बनेगी. इसकी अनुमानित लागत करीब 9038.73 करोड़ रुपये है. इसमें से फिलहाल 1829 किमी लंबाई में सड़क बनाने की ग्रामीण कार्य विभाग से प्रशासनिक मंजूरी मिल गयी है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 1360 किमी लंबाई में ग्रामीण पथों का निर्माण कराने का लक्ष्य है. इसके साथ ही 250 या उससे अधिक आबादी के छूटे हुए 3733 बसावटों को भी सड़क कनेक्टिविटी देने के लिए 2024-25 में करीब तीन हजार किमी लंबाई में सड़क बनेगी.

बसावटों की संख्या भी बढ़ेगी

सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक कुल एक लाख 18 हजार 348 बसावटों को ग्रामीण सड़कों की कनेक्टिविटी दी गयी है. इसके लिए करीब एक लाख 15 हजार 203 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है. ऐसे में यदि छूटे हुए बसावटों को ग्रामीण सड़कों की कनेक्टिविटी मिल जायेगी, तो ऐसे बसावटों की संख्या बढ़कर एक लाख 29 हजार 290 हो जायेगी. साथ ही इसके लिए कुल सड़कों की लंबाई बढ़कर एक लाख 29 हजार 165 किमी हो जायेगी.

ग्रामीणों और किसानों को होगा फायदा

छूटे बसावटों को ग्रामीण सड़कों की कनेक्टिविटी देने का मकसद ग्रामीण इलाकों में यातायात की व्यवस्था बेहतर करना है. इसके साथ ही अन्य अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण सड़कों को मुख्य सड़कों को जोड़ा जा रहा है. इससे ग्रामीणों को स्कूल, अस्पताल, सरकारी कार्यालय आना-जाना आसान हो सकेगा. साथ ही किसानों को अनाज मंडियों तक भी आने-जाने में सुविधा होगी. ग्रामीण इलाकों का बेहतर विकास हो सकेगा.

एनएच 527ए मधुबनी से सुपौल सड़क बनेगी बेहतर

वहीं दूसरी ओर राज्य में एनएच 527ए को बेहतर बनाया जायेगा. इसकी मंजूरी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दे दी है. साथ ही टेंडर के माध्यम से निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. यह सड़क मुख्य रूप से दो जिलों को कनेक्टिविटी देती है. इसमें मधुबनी और सुपौल जिले शामिल हैं. यह सड़क मधुबनी जिले के पोखरौनी चौक से मधुबनी, रामपट्टी, झंझारपुर, समिये चौक, अवाम, लौफा, रहुना-संग्राम, भेजा, बकौर और परसरमा से होकर गुजरती है. ऐसे में यह सीमांचल इलाके की महत्वपूर्ण सड़क है. इस सड़क को फिलहाल मधुबनी जिला के पोखरौनी चौक से झंझारपुर तक करीब 28 किमी लंबाई में बेहतर बनाया जायेगा.

जानिए कबतक पूरा हो जाएगा काम

सूत्रों के अनुसार इस सड़क की मरम्मत इस साल बरसात के बाद शुरू होकर 2026 तक पूरा होने की संभावना है. इस सड़क की मरम्मत के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी का बहुत समय से इंतजार था. अब केंद्र से इसकी मंजूरी मिलने और टेंडर के माध्यम से निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसका निर्माण शुरू हो जायेगा. इस सड़क के बन जाने से लाेगों को आवागमन में कम समय लगेगा.

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