प्रभारी प्रभारमुक्त, लिपिक से स्पष्टीकरण

मधुबनीद : अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लदनियां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ कामेश्वर महतो को प्रभार से मुक्त करते चिकित्सा पदाधिकारी डा. कुमार अमन को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया. साथ ही लिपिक मनोज कुमार राम रोकड़ पंजी का संधारण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2017 4:59 AM

मधुबनीद : अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लदनियां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ कामेश्वर महतो को प्रभार से मुक्त करते चिकित्सा पदाधिकारी डा. कुमार अमन को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया. साथ ही लिपिक मनोज कुमार राम रोकड़ पंजी का संधारण नहीं करने एवं निर्गत पंजी में पत्रांक दिनांक खाली छोड़ने के कारण दो दिनों में सपष्टीकरण देने का निर्देश दिया है.

निर्धारित समय सीमा में स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं कराने पर निलंबन कर विभागीय कार्रवाई संचालित करने का भी निर्देश दिया है.
क्या है मामला. प्रभारी एसीएमओ डा. आरडी चौधरी द्वारा 20 जून को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लदनियां का औचक निरीक्षण किया गया. जिस क्रम में कई अनियमितता सामने आयी. साथ ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा सकरी कार्यों में बरती जा रही लापरवाही का मामला भी सामने आया. इसके साथ ही लिपिक मनोज कुमार राम द्वारा रोकड़ पंजी का संधारण 3 फरवरी 14 से 27 जुलाई 17 तक नहीं किया गया था. साथ ही निर्गत पंजी में विभिन्न तिथियों में अनेक पत्रांक व दिनांक खाली छोड़ दिया गया था.
एसीएमओ के जांच प्रतिवेदन के बाद सिविल सर्जन ने की कार्रवाई
लदनियां पीएचसी प्रभारी के खिलाफ था शिकायत
लापरवाही बरतने के आरोप में की गयी कार्रवाई
सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को प्रभारी के कार्य से मुक्त कर दिया गया है. वहीं लिपिक मनोज एम द्वारा रोकड़ पंजी का संधारण नहीं करना व निर्गत पंजी में पत्रांक दिनांक छोड़ना एक गंभीर विषय है तथा अनियमितता एवं सरकारी राशि के गबन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. मनोज कुमार राम से स्पष्टीकरण मांगा गया है. समय सीमा में स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं होने से स्थिति में लिपिक निवसंन की कार्रवाई व विभागीय कार्यवाही भी किया जा सकता है.
डा. अमरनाथ झा, सिविल सर्जन

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