इंदू पूछ रही जवाब, जाएं तो जाएं कहां!

मधुबनी : जिस रास्ते को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने के लिये खुटौना प्रखंड के सिहुला गांव की इंदू कुमारी बीते 16 दिन तक अनशन पर बैठी थी और जिला पदाधिकारी ने दो माह में रास्ते को अतिक्रमणमुक्त कराने का आश्वासन दिया था. वह रास्ता तो अतिक्रमणमुक्त नहीं हो सका. उल्टे अतिक्रमणकारियों ने पीड़ित महिला के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2017 3:19 AM

मधुबनी : जिस रास्ते को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने के लिये खुटौना प्रखंड के सिहुला गांव की इंदू कुमारी बीते 16 दिन तक अनशन पर बैठी थी और जिला पदाधिकारी ने दो माह में रास्ते को अतिक्रमणमुक्त कराने का आश्वासन दिया था. वह रास्ता तो अतिक्रमणमुक्त नहीं हो सका. उल्टे अतिक्रमणकारियों ने पीड़ित महिला के घर को भी कब्जा लिया है. ऐसे में अब पीड़ित महिला पूरे परिवार के साथ पूर्व में किये गये समाहरणालय के सामने अनशनस्थल पर आकर अपना आशियाना मानकर रहने लगी है.

इंदू देवी उच्च न्यायालय द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश लेकर 16 दिनों तक समाहरणालय के समक्ष बैठी थी. 5 अगस्त को अनुमंडल पदाधिकारी सदर अभिलाषा कुमारी शर्मा के साथ हुए समझौते के बाद अनशन तोड़ा था. अनशन 20 जुलाई से 5 अगस्त तक अनशन चली थी. पांच अगस्त को इंदू देवी के समर्थन में समाजसेवियों ने भी सड़क जाम कर दिया था. जिसके बाद जिला पदाधिकारी ने अनशनकारी के पति व समाजसेवी राजा ठाकुर से वार्ता किया व इस दिशा में पहल करने का आश्वासन दिया था. इससे पूर्व भी वह दो बार अनशन कर चुकी है. हर बार प्रशासन से उसे आश्वासन ही मिलता रहा है.
प्रशासन से उठ गया भरोसा : इंदू देवी बताती है कि इस मामले मे उसका प्रशासन से भरोसा ही उठ गया हैँ. बताती है कि जब उच्च न्यायालय ने रास्ते को अतिक्रमणमुक्त करने का आदेश दिया है इसके बाद भी प्रशासन कुछ नहीं कर पा रही है तो अब उसके पास कुछ विकल्प ही नहीं है. प्रशासन ही बताये कि अब वह कहां जायें. अनशन तो वह रास्ते के अतिक्रमणमुक्त कराने के लिये किया था. पर अतिक्रमणकारियों ने तो उल्टा उसका घर भी कब्जा कर लिया है. इस मामले को लेकर इंदू देवी ने पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत को उन्होंने आवेदन भी दिया. मंत्री कपिलदेव कामत ने जिला पदाधिकारी से इस दिशा में सकारात्मक पहल करने को कहा है.

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