हत्या मामले में आजीवन कारावास
मधुबनी : त्वरित न्यायालय प्रथम विनय कुमार सिंह के न्यायालय में करीब 29 साल पहले राजनगर थाना क्षेत्र के अमादा में हुए जटाधर मिश्र की हत्या के मामले सजा की बिंदु पर सुनवाई बुधवार को हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद दोषी अभियुक्त सुशील मिश्र को दफा 302 भादवि में आजीवन […]
मधुबनी : त्वरित न्यायालय प्रथम विनय कुमार सिंह के न्यायालय में करीब 29 साल पहले राजनगर थाना क्षेत्र के अमादा में हुए जटाधर मिश्र की हत्या के मामले सजा की बिंदु पर सुनवाई बुधवार को हुई.
न्यायालय ने दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद दोषी अभियुक्त सुशील मिश्र को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने पांच हजार जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक केदार लाल दास ने बहस करते हुए न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता नवीन चंद्र ठाकुर ने बहस किया.
क्या था मामला. अभियोजन के अनुसार सूचक भोगेंद्र मिश्र व अभियुक्त के बीच पहले से जमीन विवाद था. दोनों पक्षों के बीच चल रहे टाइटल सूट में सूचक की हार हो गयी थी. इसी बात को लेकर सूचक और उसके पिता जटाधर मिश्र (मृतक) एवं सूचक के चाचा टाइटल सूट को अपील करने पर विचार विमर्श कर रहे थे.
उसी समय आरोपी सुशील मिश्रा अन्य सहयोगियों के साथ आकर दरवाजा पर दीवार गिराने लगा. इसी पर मना करने पर उक्त आरोपी ने सूचक व उसके पिता मृतक जटाधर मिश्र को लाठी, भाला, गरासे से मारपीट कर जख्मी कर दिया था. बाद में जटाधर मिश्र की मौत हो गयी थी. इस बाबत सूचक भोगेंद्र मिश्र द्वारा राजनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
29 साल बाद आया फैसला, राजनगर थाना क्षेत्र का मामला
दरवाजे पर जटाधर मिश्र की कर दी थी हत्या