मधुबनी : आये दिन झोला छाप चिकित्सकों के द्वारा गलत तरीके से इलाज करने या इलाज में लापरवाही के कारण मरीजों की मौत हो जाने का मामला सामने आ रहा है. एक बार फिर सीएस ने अधिकारियों के जांच के बाद दो चिकित्सकों पर कार्रवाई के आदेश दिये हैं. मधेपुर स्थित संगत चौक के समीप क्लिनिक चलाने वाले दो चिकित्सकों पर कानूनी कारवाई करने का निर्देश सिविल सर्जन डा. अमरनाथ झा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधेपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया है.
साथ ही कारवाई कर इसकी सूचना भी उपलब्ध कराने को कहा है.
प्रभारी ने सौंपा जांच आदेश. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ डी चौधरी द्वारा उक्त क्लीनिक व दोनों चिकित्सकों का डिग्री जांच किया गया. अपने जांच प्रतिवेदन में डाॅ चौधरी लिखा है कि संगत चौक से पूर्व दिशा में कोसी बांध के किनारे स्थित क्लिनिक का जांच किया. जो झोपड़ीनुमा घर में चलाया जा रहा है. क्लिनिक में ऑपरेशन से संबंधी मसलन ओटी, ओटी टेबल व उपकरण इत्यादी नहीं पाया गया. इसके साथ ही रमण प्रसाद यादव व कमल प्रसाद यादव का एमबीबीएस डिग्री के कागजात की जांच में इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टर नेटिव मेडिसिन वेस्ट बंगाल की डिग्री पाया गया. जो प्रथम दृष्टया सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के तहत नहीं है.
क्या है मामला
सुपौल जिला के अगरगरहा निवासी गंगा प्रसाद यादव, राम लखन झा, दयाकांत यादव, उमाकांत यादव व सौरभ कुमार ने मधेपुर के संगत चौक क्लिनिक चला रहे दो डॉक्टर क्रमश: राम कमल यादव व रमण प्रसाद पर फर्जी डिग्री के सहारे इलाज करने का आरोप लगाया था. इन लोगों ने सीएस को दिये आवेदन में इन चिकित्सकों पर रोगियों के किडनी निकाल लेने की शिकायत भी की है. आरोप लगाया है कि इन दोनों व्यक्तियों द्वारा अमीना खातून पति मो. इसराइल महिशाम निवासी को मधेपुर पीएचसी से बहला फुसलाकर लाया गया अपने क्लीनिक में इलाज किया. जिस दौरान लापरवाही बरती गयी और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी.
आवेदन के आलोक में सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मधेपुर को क्लिनिक एवं डॉक्टरों के डिग्री के जांच का आदेश दिया.