287 बार में 2.45 लाख की कर ली निकासी

क्राइम. साइबर अपरािधयों ने शिक्षिका के खाते से उड़ाये रुपये, मोबाइल पर नहीं आया मैसेज मधुबनी : नगर थाना क्षेत्र के लहेरियागंज निवासी एक महिला के एसबीआई के एडीबी शाखा के खाता से 2.5 लाख रुपये की साइबर अपराधियों ने फर्जी तरीके से निकासी कर ली. शिक्षिका सरोज कुमारी ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2017 6:15 AM

क्राइम. साइबर अपरािधयों ने शिक्षिका के खाते से उड़ाये रुपये, मोबाइल पर नहीं आया मैसेज

मधुबनी : नगर थाना क्षेत्र के लहेरियागंज निवासी एक महिला के एसबीआई के एडीबी शाखा के खाता से 2.5 लाख रुपये की साइबर अपराधियों ने फर्जी तरीके से निकासी कर ली. शिक्षिका सरोज कुमारी ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा कि उनके खाते से आठ सितंबर से 19 सितंबर 2017 के बीच ढाई लाख की निकासी हुई है. हालांकि, यह निकासी के आठ सितंबर से ही शुरू हुआ, पर खाता धारक को इसकी जानकारी मोबाइल पर एसएमएस के द्वारा नहीं आने के कारण नहीं हो सका.
बैंक सूत्रों का कहना है कि जैसे ही किसी खाते से पांच हजार की निकासी होगी मोबाइल पर मैसेज जायेगा. इसकी जानकारी अपराधियों को होने से अपराधियों ने हर बार पांच हजार से कम ही रकम निकासी किया. आवेदिका को इस बात की जानकारी 18 सितंबर को हुई. जब पीड़िता के खाते से पांच हजार की निकासी होने पर एसएमएस से सूचना मिली. रकम निकासी को लेकर जैसे ही वे बैंक में जाकर यह जानने का प्रयास किया कि पांच हजार की रकम किसने निकाली व खाता का बैलेंस पता किया तो उनके खाते से 2.42 लाख रुपये की निकासी हो चुकी थी.
रहें सावधान !
10 रुपये तक की गयी निकासी
पांच हजार की निकासी करने पर सतर्क हुआ खाताधारक
287 लेनदेन में हुई निकासी
थाना में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जब बैंक से पीड़िता के बैंक खाते का स्टेटमेंट निकाला गया तो ज्ञात हुआ कि 287 बार खाता से उक्त राशि की निकासी हुई है. एक दिन में 30 से 40 बार निकासी भी की गयी है. इस निकासी में कम से कम 10 रुपये व अधिकतम 5000 रुपये की निकासी हुई है. इसमें अधिकतर बार 118.03 रुपये एवं 200 रुपये की राशि निकासी की गयी है. पीड़िता के बैंक खाता में निकासी रकम में अधिकतर गुगल सिंगापुर के खाते में रकम जाने की अंकित है. पीड़िता ने पेटीएम व अन्य तरीके से निकासी की बात भी कही है. थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक अरुण कुमार राय ने कहा कि यह अपने तरह का अनोखा साइबर क्राइम का मामला है कि 10 दिनों तक पीड़िता के खाते से रकम निकलता गया पर पीड़िता को यह पता नहीं चल पाया. जब पांच हजार की राशि खाते से निकली व एटीएम एलर्ट से जानकारी हुई तो पता चला कि खाते से रुपये की निकासी हुई है.
छोटी निकासी के कारण नहीं जा पाया मैसेज अलर्ट
बैंक के खाताधारकों के खाते की सुरक्षा बैंक की पहली प्राथमिकता है. ऑनलाइन साइबर क्राइम की घटना में कहीं न कहीं खाताधारी की गलती रहती है वे अपराधियों के झांसे में आकर एटीएम का पासवर्ड व कार्ड नंबर उसे दे देते हैं. ऐसे में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ रही है. आरबीआई द्वारा बार-बार इस संबंध में विज्ञापन निकाल कर खाताधारी को सचेत करता है. फिर भी इस तरह के मामले हो जाते है. इस घटना में छोटी रकम की निकासी की गयी है इस कारण खाताधारी को मैसेज अलर्ट भी नहीं जा पाया. प्राथमिकी हो जाने के बाद बैंक साइबर अपराधी को पकड़ने में पुलिस को हर संभव मदद करने को तैयार है.
अजित कुमार पोद्दार, क्षेत्रीय प्रबंधक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

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