मधुबनी : मिथिला के पारंपरिक लोक संस्कृति व रामायण तथा कृष्ण लीला को अपने कूची से कागज व कपड़ों पर देश विदेश में परचम लहराने वाले मिथिला पेंटिंग कलाकार अब स्टेशन के दीवार पर अपनी कला को प्रदर्शित करेंगे. स्टेशन की दीवारों पर कलाकृति करने के लिये विभाग की ओर से पहल शुरू कर दी गयी है. इसके तहत रेलवे ने पूरे स्टेशन पर मिथिला पेंटिंग करने के लिए 80 कलाकारों का चयन किया गया. इसके तहत स्टेशन के 550 स्क्वायर फुट में मिथिला पेंटिंग किया जायेगा.
46 टीम को 46 ब्लाक किया गया आवंटित. स्टेशन को 46 खंडों में बांटा गया है. जिसके लिए 46 टीम का चयन किया गया है. प्रत्येक टीम में दो या तीन कलाकारों को शामिल किया गया है. जो अपने कलाकारों से रेल द्वारा दिये गये थीम को अपने कूची से उकेरने का काम करेंगे. रेलवे द्वारा मिथिला पेंटिंग कलाकारों को रामायण, कृष्ण लीला, ग्रामीण जन जीवन जिसमें बच्चों द्वारा पीट्टो, गिल्ली डंटा, कित- कित (मिथिलांचल में खपरैल के टुकड़े से जमीन पर लकीर बना कर खेले जाने वाला एक खेल)उदयीमान सूर्य, देवोत्थान, कोवर, विवाह, नाई, मछुआ, लोहार, छठ पर्व, झिझिया नृत्य, सामा चकेवा सहित पूर्व समय के फूस का घर, भीत का घर, इंट- खपरैल घर व वर्तमान समय के छतवाला घर सहित मिथिला के पुरोधा महाकवि विद्यापति को उगना द्वारा सेवा किये जाने व उगना के गायब होने के बाद उनके द्वारा विरह में भटकना आदि को समाहित किया गया है.
टीम को मिलेगा प्रोत्साहन राशि. मिथिला पेंटिंग के चयनित टीम द्वारा पेंटिंग में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टीम को पुरस्कृत भी किया जायेगा. इस संबंध में एडीएफएम गणनाथ झा ने बताया कि प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले टीम सहित सभी टीम को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. मिथिला पेंटिंग के कलाकारों को दो अक्तूबर से चार अक्तूबर तक पेंटिंग कार्य संपादित करना है.
इस अवसर पर डीसीओ रेल, स्टेशन अधीक्षक जगदंबा प्रसाद, एएसएम वीएन मिश्रा, वाणिज्य अधीक्षक मो. कबीर आलम, सीएस – 2 अनिल कुमार, प्रभारी स्वास्थ्य निरीक्षक भवेश कुमार झा, कनीय अभियंता मनोज कुमार सहित कई रेल कर्मी उपस्थित रहे.